हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में एनएसयूआई के तीन कार्यकर्ताओं के निष्कासन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को विधायक प्राथमिकता बैठक से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपकर तीनों छात्रों का निष्कासन रद्द करने की मांग उठाई और प्रदेश विश्विद्यालय के कुलपित प्रो. सिकंदर पर बदले की भावना से कार्रवाई करने के आरोप लगाए।
कांग्रेस विधायकों के मुताबिक, एनएसयूआई कार्यकर्ता शांतिपूर्वक ढंग से लाइब्रेरी और होस्टल को खोलने की मांग कर रहे थे। इसके सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी मौजूद है, जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए यासीन मोहम्मद, विनोद कुमार और प्रवीण को निष्कासित किया है। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि पीएचडी पाठ्यक्रम में गलत ढंग से कुलपति के बेटे को दाखिला देने के मामला भी एनएसयूआई ने प्रमुखता से उठाया है।
इसी रंजिश की वजह से एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का निष्कासन किया गया है। कांग्रेस ने तीनों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके निष्कासन को रद्द करने की मांग की है। एनएसयूआई के तीनों निष्कासित कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि इन्होंने ज्ञापन सौंपते वक्त कुलपति के साथ दुर्व्यवहार किया था। इसके बाद इन्हें कंडक्ट-प्रोबेशन पर रखा गया। प्रशासन दावा है कि कंडक्ट प्रोबेशन पर भी इनके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ। इसलिए कमेटी की सिफारिश पर इन्हें निष्कासित किया गया है।
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