हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले की जांच सिटिंग जज या फिर CBI से करवाई जानी चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि जिस पुलिस की कस्टडी से पेपर लीक हुआ है, वह पुलिस पारदर्शी ढंग से कैसे जांच कर सकती है? नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री आज कितने मजबूर नजर आ रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस भर्ती में इतनी बड़ी अनियमितता सामने आने के बाद भी DGP पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल पेपर माफिया सक्रिय है। इससे पहले भी कई भर्तियों में ऐसी ही लापरवाही बरती जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा CM जयराम की पीठ थपथपा रहे हैं जबकि प्रदेश में बीते साढ़े चार सालों में पेपर माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया का राज रहा है और सरकार SIT बनाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है।
JOA का एग्जाम किया जाए रद्द: नरेश
नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल को बिहार और उत्तर प्रदेश बनाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस भर्ती से पहले JOA के पेपर में भी 1.18 लाख बच्चे अपीयर हुए है। यह भर्ती भी सरकार की लापरवाही से लंबे समय से लटकी हुई है। उन्होंने पुलिस की तर्ज पर JOA का पेपर भी रद्द करने की मांग की है।
महंगाई ने तोड़ी आम आदमी की कमर: चौहान
नरेश चौहान ने कहा कि महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। 1100 रुपए में सिलेंडर खरीदना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। गाड़ियों में पेट्रोल डीजल डालना मुश्किल हो गया है। इसी तरह खाद्य वस्तुओं की कीमते भी आसमान छू रही है।
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