हिमाचल प्रदेश महालेखाकार कार्यालय ने सरकारी कर्मचारियों से GPF, सामान्य भविष्य निधि खाता धारकों से परिवार को नामित करने के लिए कहा है। अभी तक यह देखने में आ रहा था कि किसी भी अविवाहित कर्मचारी के सरकारी सेवा में आने पर माता-पिता को ही नामित किया जाता है। इस बीच शादी होने के बाद वह पत्नी और बच्चों को नामित नहीं करा रहे हैं। जबकि माता-पिता का भी निधन हो चुका है। ऐसे में प्रदेश सरकार कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में भविष्य निधि का भुगतान करने में बड़ी समस्या आ रही है।
प्रदेश सरकार के सामान्य भविष्य निधि खाता धारक कर्मचारियों के निधन होने से जुड़े मामलों को लेकर उप महालेखाकार, निधि रवि वर्मा का कहना है कि हमारा उद्देश्य है कि जिस किसी परिवार में ऐसी घटना घटती है, उस परिवार को तुरंत धनराशि की आवश्यकता रहती है। लेकिन, GPF के दस्तावेज देखने पर पता चलता है कि उक्त कर्मचारी ने पत्नी और बच्चों का नाम दर्ज नहीं करवाया था।
ऐसी परिस्थितियों में GPF की धनराशि संबंधित परिवार को देने में विलंब होता है। इस तरह के विलंब से बचने के लिए प्रदेश सरकार के कर्मचारी तुरंत दस्तावेजों में पत्नी और बच्चों को नामित करें। ऐसा भी देखा गया है कि परिवार में कर्मचारी के माता-पिता जीवित हैं और कर्मचारी की पत्नी और बच्चे भी हैं।
इस स्थिति में GPF का भुगतान माता-पिता को करना दस्तावेजों की अनिवार्यता है। उस स्थिति में मामले अदालत में जाते हैं और अंत में पत्नी और बच्चों को GPF मिलता है। इस तरह के विवादों से बचने के लिए कर्मचारी विभाग DDO के पास परिवार में पत्नी और बच्चों को नामित करने की औपचारिकता पूरी करवाएं।
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