हिमाचल में मतगणना से पहले भाजपा खामोश:राज्य में पार्टी की गतिविधियां बंद, पब्लिक प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहने वाले नेता भी चुप

शिमला4 महीने पहले
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चुनाव प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और अन्य।

हिमाचल में मतगणना से पहले भाजपा की चुप्पी राजनीतिक गलियारों में कई बड़े सवाल खड़े कर रही है। सोशल मीडिया और पब्लिक प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहने वाली भाजपा मतदान के बाद एकदम खामोश सी नजर आ रही है। धरातल पर पार्टी की कोई भी गतिविधियां दिखाई नहीं दे रही हैं। मतदान के बाद परवाणू में चुनाव प्रबंध समिति की बैठक के बाद से पार्टी के नेताओं की सक्रियता न के बराबर हो गई है।

हर मोर्चे पर आगे रहने वाले भाजपा के नेता क्या अपनी चुनावी थकान मिटा रहे हैं या जीत को लेकर गुणा-गणित में लगे हुए हैं. यह सब की समझ से परे है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता के कार्यक्रम सार्वजनिक नहीं हो पा रहे हैं। इससे पार्टी के नेताओं की सक्रियता कहीं नजर नहीं आ रही है। हालांकि दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा ने अपने कुछ नेताओं की ड्यूटी तय की है।

चुनाव के दौरान धुआंधार की रैलियां
पार्टी के वरिष्ठ नेता जो यहीं पर हैं उनकी गतिविधियां भी न के बराबर हो गई हैं। चुनाव से पहले और चुनाव के बीच में भाजपा ने धुआंधार चुनावी रैलियां कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हिमाचल में चुनावी प्रचार को लेकर डटा रहा। पार्टी के सभी नेता चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए प्रचार प्रसार में लगे रहे। चुनाव के बाद भाजपा में एकदम से खामोशी सी छा गई है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व पूर्व भाजपा प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय गुफ्तगू करते। (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व पूर्व भाजपा प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय गुफ्तगू करते। (फाइल फोटो)

चुनाव के माहौल से उत्साहित है कांग्रेस
वहीं, दूसरी तरफ मतगणना के बाद बने चुनावी माहौल से कांग्रेस ज्यादा उत्साहित नजर आ रही है। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की सक्रियता भी काफी बढ़ गई है। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एक-एक करके दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। अपने बयान को लेकर पार्टी के नेता भी सुर्खियों में बने हुए हैं। कांग्रेस द्वारा भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग जैसे गंभीर आरोप लगाने के बाद भी पार्टी के नेता चुप बैठे हैं, जो सोचने की बात हैं।

मुख्यमंत्री की ही दिख रही है सक्रियता
चुनाव के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ही सक्रियता दिखाई दे रही है। दिल्ली में प्री-बजट बैठक में भाग लेने से पहले उनका अधिकारियों-नेताओं से मिलना लगा रहा। राज्यपाल से मिलकर भी उन्होंने प्रदेश की राजनीति पर चर्चा की और चुनाव संबंधित फीडबैक उन्हें दी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव के बाद कहीं नजर नहीं आ रहे। भाजपा नेताओं की यह चुप्पी सब की समझ से परे नजर आ रही है।