हिमाचल प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, लोक लुभावन नारों की अहमियत भी काफी बढ़ती जा रही है। प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब की बार 7 बड़े नारे दिए हैं, जबकि कांग्रेस के 4 बड़े नारे कार्यकर्ताओं में नया जोश भरेंगे।
कांग्रेस के यह नारे सुर्खियों में रहे...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और 6 बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के समय में कांग्रेस के कई नारे सुर्खियों में रहे, जो कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करते थे। इसमें जो प्रमुख नारा था- राजा नहीं फकीर है, हिमाचल की तकदीर है और जब तक सूरज चांद रहेगा, वीरभद्र तेरा नाम रहेगा। दोनों वर्करों के सिर चढ़कर बोलते थे।
चुनावी जनसभाओं और रैलियों में कई नारे सुनने को मिल रहे हैं। इसमें भाजपा के यह 7 नारे प्रमुख हैं...
1- जनता ने कर दिया तय, फिर हिमाचल में भाजपा की विजय।
2- जन-जन की यही आवाज, बदलेगा रिवाज।
3- नया रिवाज बनाएंगे, फिर भाजपा लाएंगे।
4- देखो देखो कौन आया, शेर आया शेर आया।
5- सोच ईमानदार, काम दमदार।
6- हिमाचल की पुकार, फिर भाजपा सरकार।
7- हिमाचल से जुड़े हैं, हिमाचल के लिए खड़े हैं।
कांग्रेस अपने इन नारों के दम पर सत्ता परिवर्तन की राह बदलेगी...
1- महंगाई की मार, कांग्रेस अबकी बार
2- वादा किया है वादा निभाएंगे, कांग्रेस को सत्ता में लाएंगे।
3- महंगी गैस महंगा तेल, यह है भाजपा का 5 साल का खेल
4- बेरोजगारों को नहीं दे सके रोजगार, पुलिस भर्ती में हुआ भ्रष्टाचार
चुनाव में नारों की अहमियत हमेशा से रही
चुनाव में नारों की अहमियत हमेशा से ही रही है। नारों ने सत्ता परिवर्तन की भी तस्वीर को बदला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का नारा 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' बच्चे-बच्चे की जुबान पर था। वहीं कांग्रेस का नारा 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' भी खूब सुर्ख़ियों में रहा।
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