हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा पुलिस थाना है, जहां आजादी के बाद एक भी FIR दर्ज नहीं हुई। यहां 75 साल में 7 शिकायतें आईं, वे भी लोगों ने आपस में सुलझा ली।
यह चिड़गांव थाना हिमाचल की राजधानी शिमला के ट्राइबल एरिया डोडरा क्वार में है। आपस में मामले सुलझाने की वजह यहां के लोगों का देवी-देवताओं पर अटूट विश्वास है। लोगों का यह भी मानना है कि कोर्ट कचहरी में टाइम पैसा खराब होता है, इससे बेहतर है कि मामला आपस में सुलझा लिया जाए।
चांशल घाटी के पार बसा डोडरा क्वार
हिमाचल प्रदेश के शिमला का ट्राइबल क्षेत्र डोडरा क्वार चांशल घाटी के पार बसा है। चांशल घाटी की ऊंचाई समुद्रतल से 14830 फीट है। डोडरा क्वार क्षेत्र में 5 गांव हैं, जिनकी आबादी लगभग 8 हजार है। साल में 6 महीने डोडरा क्वार के लोग शेष दुनिया से पूरी तरह से कट जाते हैं, क्योंकि चांशल दर्रा में 15 से 20 फीट तक बर्फ गिरती है। ऐसे में लोगों का आने जाने का रास्ता बंद हो जाता है।
लोग आपस में बैठकर सुलझाते मामला
हिमाचल के डोडरा क्वार के लोग आपस में मिल जुलकर रहते हैं। इनका अपने देवी देवताओं पर अटूट विश्वास है। इसलिए किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े, जमीन विवाद और अन्य तरह के मामले आपस में बैठकर ही सुलझा लिए जाते हैं।
टाइम की कीमत जानते हैं: पूर्व प्रधान
क्वार पंचायत के पूर्व प्रधान शंकर चौहान कहते हैं कि हमारे यहां पर आपसी विवाद कम होते हैं। हम आपस में बैठकर ही मामला सुलझा लेते हैं। हम जानते हैं कि कोर्ट कचहरी में जाकर टाइम वेस्ट होता है। पैसों की बर्बादी होती है। छोटे मोटे मामले आपस में बैठकर सुलझाना ही ठीक रहता है।
प्रदेश के अन्य ट्राइबल एरिया में ऐसा नहीं
लाहौल स्पीति: इस जिले के पुलिस स्टेशनों में अममून महीने में 5 से 6 FIR दर्ज हो जाती हैं। हालांकि, काजा जैसे ट्राइबल एरिया में एक साल में 12 से 15 FIR दर्ज होती हैं।
किन्नौर: इसी तरह किन्नौर जिले के रिमोट एरिया में भले ही क्राइम ग्राफ कम है, लेकिन महीने में यहां के पुलिस थानों में 2 से 3 FIR दर्ज हो जाती हैं।
चंबा: इस जिले के ट्राइबल क्षेत्रों भरमौर और पांगी के थानों में FIR दर्ज होती हैं। महीने में 1 से 2 FIR यहां दर्ज हो जाती हैं।
सिरमौर: इसी तरह सिरमौर के ट्राइबल एरिया में भी लगभग सभी थानों में FIR दर्ज होती हैं।
चिड़गांव थाने में 7 ही शिकायतें आईं
डोडरा क्वार के चिड़गांव पुलिस स्टेशन में 1947 के बाद कुल 7 शिकायतें आईं। यह शिकायतें भी आपसी कहासुनी, जमीन संबंधी मामलों की आईं, जिनका निपटारा भी आपसी समझौते से कर लिया गया। डोडरा क्वार में वर्ष 2016 में पुलिस चौकी बनाई गई। इसका थाना चिड़गांव बनाया गया, जो डोडरा क्वार से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
डोडरा क्वार के लोग आपस में ही समझौते कर लेते हैं: SHO
चिड़गांव थाने के SHO अमित कुमार का कहना है कि डोडरा क्वार क्षेत्र के लोग आपस में बात करके सभी तरह के मामले में सुलझा लेते हैं। हमारी डोडरा क्वार में चौकी है। मेरी 5 महीने पहले यहां पर पोस्टिंग हुई तो देखा कि मर्डर का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। यहां शिकायतें आई थीं, जिसका निपटारा भी कर लिया गया।
सोसायटी के लिए अच्छा संदेश, हम लोगों से सहयोग की उम्मीद रखते हैं: DGP
हिमाचल के DGP संजय कुंडू का कहना है कि डोडरा क्वार जैसा क्षेत्र सोसायटी के लिए एक अच्छा मैसेज देता है। हम लोगों से सहयोग की अपील करते हैं। नए साल में लोग स्वस्थ रहें और क्राइम ग्राफ को कम करने में मदद करें। हमारी पुलिस फोर्स इस पर निरंतर काम कर रही है।
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