हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क शुरू कर दिया है, क्योंकि प्रदेश की दर्जनभर सीटों पर निर्दलीय मजबूत स्थिति में हैं। किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की सूरत में निर्दलीय जीतने वाले सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।
प्रदेश में इस बार रिकॉर्ड वोटिंग की वजह से कांग्रेस और भाजपा दोनों दल टेंशन में है। राज्य की 13 सीटों पर 78 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है। बैलेट पेपर मिलाने के बाद 15 से भी ज्यादा सीटों पर 78 प्रतिशत पोलिंग का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। इतनी हेवी पोलिंग 'रिवाज' बदलने के लिए हुई है या 'राज', समझ न आने से सियासी जानकार भी कंफ्यूजन में हैं।
माना जाता है कि हेवी पोलिंग सत्ता विरोधी होती है, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, कांग्रेस नेता राम लाल ठाकुर जैसे दिग्गज नेताओं के हल्के में बंपर वोटिंग के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इसी वजह से सियासत के जानकारों का अंक गणित किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पा रहा।
इन सीटों के निर्दलीय पर कांग्रेस-BJP की नजरें
अब कांग्रेस और भाजपा नेता यह समझ गए हैं कि निर्दलीय की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। इनमें ठियोग, चौपाल, नालागढ़, आनी, हमीरपुर, सुलह, किन्नौर प्रमुख हैं। इसी तरह अर्की, बड़सर, करसोग, सुंदनरगर, पच्छाद, मंडी, बिलासपुर, बंजार, चंबा, फतेहपुर में भी कांग्रेस-भाजपा के बागियों ने मुकाबले को रोचक बना रखा है। जनता ने इनमें से किस बागी को जनादेश दिया है, यह 8 दिसंबर को मालूम होगा।
ठियोग पर इसलिए प्रदेश की नजरेंठियोग में कांग्रेस के कुलदीप राठौर, माकपा के राकेश सिंघा और निर्दलीय इंदू वर्मा के बीच कांटे की चक्कर मानी जा रही है। कांग्रेस-भाजपा को छोड़कर यदि तीसरा चुनाव जीतता हैं तो यह टेंशन देने वाला होगा। CPIM के राकेश सिंघा चुनाव जीतते हैं तो इससे कांग्रेस को ज्यादा नुकसान नहीं माना जा रहा, लेकिन निर्दलीय इंदू जीतती हैं तो यह दोनों के लिए टेंशन देने वाला होगा, खासकर कांग्रेस के लिए, क्योंकि पहले उन्हें पार्टी में जॉइन कराया गया और अंत समय में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
मंगलेट पर सबकी नजरें
चौपाल में 2 बार के कांग्रेस विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट पर सबकी नजरें रहेगी। यहां भाजपा के सिटिंग MLA बलवीर वर्मा, डॉ. मंगलेट और कांग्रेस के रजनीश किमटा में मुकाबले के आसार हैं। जानकार मंगलेट को बेहतर स्थिति में बताते हैं। इसके पीछे भाजपा के 2 शीर्ष नेताओं का हाथ बताया जा रहा है।
ऐसे में यदि मंगलेट चुनाव जीतते हैं तो कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस की बजाय भाजपा के साथ जा सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देकर उनका तिरस्कार किया है। उनके चुनाव प्रचार की रणनीति के पीछे भाजपा में शामिल हुए एक पूर्व कांग्रेस नेता का भी बड़ा हाथ माना जा रहा है।
आनी में कांग्रेस की राह का कांटा बन रहे परसराम
आनी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी परसराम ने मुकाबले को रोचक बनाया है। माना जा रहा है कि हॉली लॉज से नजदीकियां नहीं होने की वजह से उन्हें टिकट नहीं मिल पाया, लेकिन उन्होंने चुनाव को रोचक बनाया है। यहां पर भाजपा से भी सिटिंग MLA किशोरी लाल भी बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों बागियों का कांग्रेस व भाजपा से सीधे-सीधे मुकाबला माना जा रहा है और दोनों बागी सशक्त बताए जा रहे हैं। यदि इनमें से कोई चुनाव जीतता है तो सरकार बनाने में बड़ी भूमिका रहने वाली है।
सुलह में जगजीवन पाल होंगे क्या किंगमेकर
सुलह सीट पर पूर्व कांग्रेस विधायक जगजीवन पाल का टिकट कटने के बाद वह भी बागी चुनाव लड़े। यहां कांग्रेस के जगदीश सिपहिया, भाजपा के विपिन सिंह परमार और निर्दलीय जगजीवन पाल के बीच त्रिकोणा मुकाबला माना जा रहा है।
होशियार सिंह की 'होशियारी' किस पर पड़ेगी भारी
देहरा में सिटिंग MLA होशियार सिंह के बागी होने से यहां भी BJP बैकफुट पर है। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा, भाजपा के रमेश चंद ध्वाला और होशियार के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। पिछली बार भी देहरा की जनता ने निर्दलीय को विधानसभा भेजा था। इस पर भी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
फतेहपुर सबसे ज्यादा चर्चा में
कांगड़ा की फतेहपुर सीट को लेकर देशभर में चर्चा में हुई है। यहां पर पूर्व सांसद कृपाल परमार BJP से बागी हैं, जिन्हें PM मोदी ने भी फोन किया था। इनके मैदान में उतरने से भाजपा प्रत्याशी राकेश पठानिया को पहली चुनौती अपने ही घर से मिली है। फतेहपुर में कृपाल परमार, राकेश पठानिया, कांग्रेस के सिटिंग MLA भवानी सिंह पठानिया और AAP के डॉ. राजन सुशांत के बीच टक्कर मानी जा रही है। कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशियों को छोड़कर यदि कोई चुनाव चुनाव जीतता है, फतेहपुर भी सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
नालागढ़ में केएल ठाकुर के कारण मुकाबला रोचक
नालागढ़ सीट पर BJP के बागी एवं पूर्व विधायक केएल ठाकुर के कारण पार्टी की डगर मुश्किल लग रही है। यहां पर भाजपा ने पूर्व में कांग्रेसी विधायक लखविंद्र राणा को प्रत्याशी बनाया है। अब यहां लखविंदर राणा, कांग्रेस के बाबा हरदीप और निर्दलीय केएल ठाकुर के बीच मुकाबला है। यहां भी नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं।
इन सीटों पर भी बागी बिगाड़ सकते हैं समीकरण
माना जा रहा है कि मंडी में भाजपा के बागी प्रवीण शर्मा, किन्नौर में तेजवंत नेगी, चंबा में इंदिरा ठाकुर, सुंदरनगर में अभिषेक ठाकुर, बड़सर में संजीव शर्मा, बंजार में हितेश्वर सिंह, बिलासपुर में सुभाष शर्मा, अर्की में कांग्रेस के राजेंद्र ठाकुर, हमीरपुर में आशीष शर्मा, करसोग में युवराज कपूर, पच्छाद में गंगू राम मुसाफिर ने भी पार्टी प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़े हैं।
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