हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही कांग्रेस को अपने MLA की खरीद-फ़रोख़्त (हॉर्स ट्रेडिंग ) का डर सताने लगा है। इसलिए उसने अभी से अपने विधायकों को बाड़ेबंदी में ले जाने का प्लान तैयार कर लिया है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू वगैरह इस पर दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मीटिंग कर चुके हैं।
हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना 8 दिसंबर को होनी है। कांग्रेस के केंद्रीय और प्रदेश नेताओं के बीच नई दिल्ली में हुई मीटिंग में जो प्लान बनाया गया है, उसके मुताबिक हिमाचल के लिए पार्टी के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक एवं छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल मतगणना से एक-दो दिन पहले ही शिमला पहुंच जाएंगे। उनके साथ राजस्थान के CM अशोक गहलोत भी रहेंगे जिन्हें BJP की हार्स-ट्रेडिंग से निपटने और अपने MLA को बाड़ेबंदी में रखने का पहले से तजुर्बा है।
गहलोत और बघेल के साथ हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला, सह-पर्यवेक्षक सचिन पायलट, सह-प्रभारी संजय दत्त, गुरकीरत सिंह कोटली और तेजेंद्र पाल बिट्टू भी काउंटिंग से पहले हिमाचल पहुंच जाएंगे। कांग्रेस के यह सारे नेता तब तक चुनाव जीतने वाले MLA के साथ रहेंगे, जब तक प्रदेश में नई सरकार का गठन नहीं हो जाता।
गुप्त स्थान पर सदस्य को ले जाने के निर्देश
पार्टी सूत्र बताते हैं कि खरीद-फ़रोख़्त से बचने के लिए हाईकमान ने चुनाव जीत कर MLA बनने वालों को प्रदेश से बाहर गुप्त स्थान पर ले जाने की हिदायत दी है, ताकि BJP के नेता सदस्य से संपर्क ही न कर सके। सभी केंद्रीय नेताओं को अलग-अलग जिला के जीतने वाले सदस्य को सरकार बनने तक साथ रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस के कई नेता जता चुके खरीद-फ़रोख़्त की शंका
हिमाचल कांग्रेस के कई नेता बीते एक सप्ताह के दौरान खरीद-फ़रोख़्त की अंदेशा जता चुके हैं। अन्य प्रदेशों के अनुभव को देखते सियासी गलियारों में भी यह चर्चा आम है कि यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाता है और कुछ निर्दलीय जीतकर आते है, तो उस सूरत कांग्रेस सरकार बनाने से चूक सकती है। ऐसे में भाजपा के सरकार बनाने के ज्यादा चांस रहेंगे। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत जरूरी माना जा रहा है।
राजीव शुक्ला भी मीटिंग में दे चुके निर्देश
इसी चिंता के चलते कांग्रेस पार्टी के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने बीते मंगलवार को राज्य की सभी 68 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले पार्टी कैंडिडेट्स के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। इस मीटिंग में भाजपा के धनबल से निपटने की रणनीति पर चर्चा की गई।
इसलिए निर्दलीय पर कांग्रेस की नजर
कांग्रेस का फोकस अब अपने सदस्य के साथ साथ निर्दलीय चुनाव जीतने वाले दावेदारों पर भी है, क्योंकि यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया तो निर्दलीय ही हिमाचल की राजनीति के 'किंगमेकर' होंगे। इस बार संभावना भी ऐसी बन रही है कि प्रदेश में दो से ज्यादा निर्दलीय जीतकर आ सकते हैं।
खरीद-फ़रोख़्त कर सकती है BJP: अनिरुद्ध
कसुम्प्टी से कांग्रेस विधायक एवं प्रत्याशी अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भाजपा को अपनी हार का एहसास हो गया है, इसलिए भाजपा खरीद-फ़रोख़्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि यदि कोई सदस्य इनके साथ जाएगा तो इसके पीछे पैसे का लेन-देन वजह रहेगी। ऐसे नेता को जनता जीवन में दोबारा खड़ा नहीं होने देगी।
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