हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में कांग्रेस की गुटबाजी चुनाव में पार्टी का नुकसान करा सकती है। जिले की कुछ सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को भीतरघात का डर सता रहा है।
शिमला शहरी कांग्रेस इकाई, पार्टी प्रत्याशी हरीश जनारथा के समर्थन में खुलकर प्रचार करने से बच रही है। पार्टी प्रत्याशी के साथ इक्के-दुक्के नेता ही नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर पार्टी के एकजुट होने के दावों की पोल खुल रही है।
ठियोग में यह कांग्रेस नेता बागी के साथ कर रहे प्रचार
यही स्थिति ठियोग विधानसभा सीट की भी है। यहां भी कई कांग्रेस नेता पार्टी प्रत्याशी कुलदीप राठौर के साथ न चल कर सरेआम बागी विजय पाल खाची के साथ घूम रहे हैं। इनमें युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव एवं जिला परिषद सदस्य उज्जवल सेन मेहता, पूर्व कांग्रेस सरकार में मार्केटिंग बोर्ड के एडवाइजर देवेंद्र श्याम और पूर्व जिला शिमला अध्यक्ष सुधीर भैक इत्यादि शामिल हैं।
प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने वालों पर कार्रवाई से बच रही कांग्रेस
बता दें कि पार्टी को ऐसे बागी नेताओं की वर्किंग की पूरी जानकारी है, लेकिन पार्टी तेरा-मेरा समर्थक की आड़ में इन पर कार्रवाई करने से बच रही है। शिमला शहरी कांग्रेस अध्यक्ष अतुल शर्मा ने बताया कि पार्टी एकजुट है। सुधीर भैक अभी उनके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे हैं। दूसरे नेता भी कांग्रेस प्रत्याशी के लिए काम कर रहे हैं।
क्या आनंद शर्मा पार्टी को कर पाएंगे एकजुट?
शिमला शहरी में एक धड़ा पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा गुट का है। आनंद शर्मा बीती रात ही शिमला पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि आनंद शर्मा पार्टी की गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश करेंगे, क्योंकि सितंबर माह में दौरे के दौरान भी उन्होंने पार्टी को एकजुट करने की बात कही थी।
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