हिमाचल बजट में कांग्रेस के चुनावी वादों की छाप:छोटे स्टेट से देशभर में मैसेज देने की कोशिश, सही मैनेजमेंट और रिसोर्स मोबलाइजेशन की जरूरत

देवेंद्र हेटा/शिमला10 दिन पहले
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हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लाए गए पहले बजट में पार्टी के चुनावी वादों की छाप साफ नजर आई। इसी साल राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक समेत कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और कांग्रेस उससे पहले यह मैसेज देना चाहती है कि वह चुनाव में किए जाने वाले वादे पूरे करने को लेकर संजीदा है। फिर बेशक यह मैसेज हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य से ही क्यों न दिया जाए। कांग्रेस हाईकमान की इस मंशा पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खरा उतरने की कोशिश की।

अमूमन सत्ता में आते ही कोई सरकार पहले एक-दो बजट में लोक-लुभावन घोषणाएं नहीं करती मगर हिमाचल के केस में कुछ अलग सीन रहा। दरअसल वर्ष 2022 में देश के 7 राज्यों में चुनाव हुए और उनमें हिमाचल प्रदेश इकलौता ऐसा स्टेट रहा जहां कांग्रेस ने सीधी टक्कर में BJP को हराकर सरकार बनाई। बाकी 6 राज्यों में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में कांग्रेस को BJP के हाथों मात मिली।

2023 में कई बड़े राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल का ये बजट कांग्रेस के लिए काफी मायने रखता था। इसी वजह से इसे पूरी तरह लोकलुभावन रखने की कोशिश की गई। कांग्रेस हाईकमान के लिए हिमाचल के इस बजट का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से बजट की प्रमुख घोषणाओं को ट्वीट किया गया।

अब आते हैं हिमाचल बजट पर…

अपने पहले बजट में मुख्यमंत्री ने तमाम बड़ी घोषणाएं तो कर दी मगर इन्हें पूरा करने के लिए रिसोर्स मोबाइलाइजेशन और इफेक्टिव मैनेजमेंट की सबसे बड़ी जरूरत होगी। बजट के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी घोषणाओं के लिए बजट का इंतजाम पहले ही कर लेने का दावा तो किया मगर वाटर सेस और शराब पर लगाए गए काऊ-सेस की समय पर सही वसूली आसान नहीं रहने वाली। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में काऊ-सेस पहले से लागू है लेकिन यहां इस फंड को लेकर तमाम तरह की मुश्किलें पेश आती रही है। हिमाचल पर चढ़े 74,622 करोड़ रुपए के पुराने कर्ज का भुगतान भी चुनौती भरा रहने वाला है।

मुख्यमंत्री ने बजट भाषण के अंत में खुद माना कि अगर स्टेट की इनकम 100 रुपए मानी जाए तो विकास के लिए सिर्फ 29 रुपए बचेंगे। बाकी 26 रुपए वेतन पर, 16 रुपए पेंशन पर, 10 रुपए ब्याज चुकाने पर, 10 रुपए लोन चुकाने पर और 9 रुपए संस्थानों की ग्रांट में चले जाएंगे। अब देखना ये है कि इतनी कम रकम से उनकी सरकार स्टेट का डवलपमेंट कैसे करेगी।

13 नई योजनाएं, कमजोर वर्ग पर नजर

मुख्यमंत्री ने बजट में 13 नई योजनाएं शुरू करने की घोषणा की। हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में बड़े ऐलान किए। स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा और सोशल सिक्योरिटी स्कीम को लेकर बड़े वादे किए गए। महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की गारंटी फेजवाइज पूरा करने का रास्ता निकाला गया वहीं 30 हजार सरकारी नौकरियां देने के जरिये नौजवानों और मानदेय बढ़ाकर 70 हजार से ज्यादा ऑफरोल कर्मचारियों को साधने की कोशिश की गई। मनरेगा और दिहाड़ीदारों की मजदूरी और पंचायतीराज और नगर निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में भी इजाफा कर इन वर्गों को साधने की कोशिश की गई।

अगले साल कम कर्ज लेगी सरकार

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हिमाचल की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत ये है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में सरकार ने चालू वित्तवर्ष के मुकाबले अढ़ाई फीसदी कम लोन लेने का टारगेट रखा है। 31 मार्च 2023 तक हिमाचल सरकार GDP का 6% तक कर्ज ले चुकी होगी जबकि अगले वित्त वर्ष में इससे 2.5% कम लोन लेने की बात बजट में कही गई। इसके लिए सरकार इसी साल जनवरी में राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) संशोधन विधेयक 2023 पास कर चुकी है। सरकार का दावा है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में सरकार कुल 8,353 करोड़ का लोन लिया जाएगा। यानि 31 मार्च 2024 तक राज्य पर कुल कर्ज बढ़कर 83,798 करोड़ रुपए हो जाएगा।

बजट में 11956.01 करोड़ की कटौती

चालू वित्त वर्ष में हिमाचल सरकार ने 65569.01 करोड़ खर्च किए जबकि अगले साल के लिए 53,613 करोड़ रुपए का ही बजट पेश किया गया। यानी चालू वर्ष के मुकाबले बजट साइज 11956.01 करोड़ रुपए छोटा रखा गया। सरकार को नई घोषणाएं पूरी करने के लिए ढ़ाई से तीन हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहा है कि क्या वह एक्चुअल आंकड़े छिपाने की कोशिश कर रही है।

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हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने पहले ही बजट में राज्य के हर वर्ग को खुश करने का प्रयास करते नजर आए। पहाड़ी प्रदेश में इलेक्ट्रिक युग की शुरुआत करने पर खासा जोर देने के अलावा महिलाओं-छात्राओं के साथ-साथ यूथ और किसानों-बागवानों के लिए भी उन्होंने सब्सिडी और कई दूसरी स्कीम शुरू करने का ऐलान किया। पूरी खबर पढ़िए...

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