हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी लगातार बढ़ रही है। हिमाचल पुलिस ने अब तक शराब माफिया के खिलाफ 409 केस दर्ज किए हैं, जिसमें शराब की तस्करी करने से लेकर चरस, अफीम, चिट्टा और अन्य तरह के नशे की तस्करी से जुड़े मामले भी शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले अभी तक 69 फीसदी से ज्यादा नशे के कारोबार करने वाले तस्करों को पकड़ा गया है।
शराब माफिया पर सबसे ज्यादा कार्रवाई
शराब माफिया के खिलाफ 28 अक्टूबर तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 409 केस दर्ज किए गए, जिनमें 54,25,030 मिलीलीटर देसी शराब, 21,51,060 मिलीलीटर अंग्रेजी शराब, 9,49,320 मिलीलीटर बीयर और 21,96,050 मिलीलीटर कच्ची शराब जब्त की गई।
अन्य नशा माफिया के खिलाफ 118 केस दर्ज किए गए, जिनमें 34.30 किलो चरस, 1.171 किलो चिट्टा, 158.24 ग्राम भुक्की, 36.45 ग्राम अफीम, 824 ग्राम गांजा, 4000 अफीम के पौधे, 3.58 ग्राम MDMA बरामद किया गया। ऐसे में साफ है कि प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान नशे का कारोबार बढ़ा है।
CAPF की 25 कंपनियां बॉर्डर पर तैनात
चुनाव के लिए हिमाचल पुलिस ने गृह मंत्रालय से सहयोग मांगा था तो मंत्रालय ने CAPF की 25 कंपनियां सहयोग के लिए भेजीं। इन कंपनियों को प्रदेश पुलिस के साथ राज्य की सीमाओं पर तैनात किया गया। इसी तरह राज्यभर में चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 238 फ्लाइंग स्क्वाड व 238 स्टेस्टिक सर्विलांस टीमों का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस व अन्य विभागों के कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यह टीमें अवैध शराब और नशे की तस्करी में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
माइनिंग एक्ट में किए गए 486 चालान
खनन माफिया के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है। 3 केस दर्ज हुए। 486 चालान किए गए। माइनिंग एक्ट में 29, 28, 320 रुपए का जुर्माना वसूला गया। हिमाचल पुलिस के DGP संजय कुंडू का कहना है कि आचार संहिता के दौरान पुलिस जो काम कर रही है, वह काफी सराहनीय है। राज्य में निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर है।
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