हिमाचल में विधानसभा चुनाव की बेला में कई नेताओं में पार्टी छोड़ने की होड़ लगी। टिकट की महत्वकांक्षा या सियासी नफा नुकसान देखते हुए डेढ़ से दो महीने के दौरान 10 से ज्यादा बड़े नेताओं और दर्जनों समर्थकों ने पार्टी छोड़ी है। ऐसे अधिकतर नेता "आया राम, गया राम' साबित हुए हैं।
इस श्रेणी में सबसे बड़ा चेहरा देहरा से सिटिंग MLA होशियार सिंह का गिना जा रहा है। इन्होंने भी टिकट की चाहत में BJP जॉइन की, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर दोबारा बागी हो गए।
इन्हें दल-बदलू का टैग मिल चुका
चिंतपूर्णी व गगरेट से कांग्रेस के 3 बार के विधायक राकेश कालिया बेशक भाजपा में शामिल हुए, लेकिन टिकट इन्हें भी नहीं मिली। इन्हें दल-बदलू का टैग लग गया है।
टिकट को लेकर महाजन भी 'हर्ष' नहीं
होली लॉज के राजदार एवं स्व. वीरभद्र सिंह राइट हैंड कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने जब पार्टी छोड़ी तो उन्हें शिमला शहरी, कसुम्प्टी या फिर चंबा से BJP के टिकट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था, लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया।
अब उसी कांग्रेस पर महाजन गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जिसकी उन्होंने जीवनभर सेवा की। महाजन के साथ एक दर्जन से ज्यादा युवा नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़ी है।
इन नेताओं ने भी पार्टी बदली
नॉमिनेशन के अंत समय में कांग्रेस के पूर्व नेता एवं शाहपुर से विधायक मेजर विजय मनकोटिया भी भाजपा के हो गए हैं। कुल्लू से टिकट नहीं मिलने पर आदित्य विक्रम सेन ने भी भाजपा का दामन थामा है।
गौरव पर AAP को नहीं 'गौरव', इसलिए पार्टी छोड़ी
करीब 6 माह पहले भाजपा नेता गौरव शर्मा भी आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए, लेकिन इन्होंने भी टिकट नहीं मिलने पर AAP से बगावत कर डाली है।
स्व. वीरभद्र सिंह के खास रहे AAP प्रवक्ता एसएस जोटगा ने भी टिकट की महत्वकांक्षा से केजरीवाल की पार्टी का दामन थामा। AAP में ज्यादा तरजीह नहीं मिलने पर जोगटा फिर से कांग्रेस के हो गए।
पार्टी बदली, भरोसा भी जीता
प्रदेश के 5 नेताओं सुरेंद्र काकू, लखविंद्र राणा, पवन काजल, खिमीराम और दयाल प्यारी को दल बदलने का टैग जरूर मिला है, लेकिन जिस दल में यह शामिल हुए हैं, उसका विश्वास जीतने में भी कामयाब रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे दल बदलने वाले नेता
जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है, उनमें से कुछ नेता सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। लोग इन्हें खूब खरी खोटी सुना रहे हैं। खासकर राजनीतिक दलों के आईटी सेल पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के खिलाफ लिख रहे हैं।
फिल्मी स्टाइल में एंट्री
इसी तरह फिल्मी अंदाज में ठियोग में इंदू वर्मा, कुल्लू में आशीष शर्मा की कांग्रेस में एंट्री होती है, लेकिन इन दोनों नेताओं को पार्टी टिकट नहीं देती है तो दोनों नेता निर्दलीय ताल ठोक देते हैं।
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