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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य के लिए एक एकीकृत ड्रग प्रिवेंशन पॉलिसी तैयार करेगी। यह नीति राज्य में मादक पदार्थों की रोकथाम, उपचार, प्रबंधन और पुनर्वास, सोशल, इंटीग्रेशन कार्यक्रम के लिए होगी।
हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में ड्रग पैडलर्स पड़ोसी राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा शुरू की गई पहल से ही संभव हुआ है कि इस क्षेत्र में ड्रग्स के खतरे की जांच के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। सभी मुख्यमंत्री और अन्य उत्तरी राज्यों के प्रतिनिधि मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जानकारी साझा करने के लिए सहमत हुए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में छह नशामुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के उत्पादन की मात्रा और स्वरूप, साइकोट्राॅपिक पदार्थों सहित प्रिक्यूरसोरस के विचलन और प्रदेश में मादक पदार्थों के सेवन के परिमाण को जानने के लिए आधिकारिक सर्वेक्षण किया जाएगा।
वहीं राज्य वार ड्रग जागरूकता अभियान कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें पंचायती राज संस्थानों, शहरी स्थानीय निकायों, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवकों और महिला मंडलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस के मौजूदा नारकोटिक्स कंट्रोल सैल को इस खतरे से निपटने के लिए सुदृढ़ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को जागरूक करने के लिए सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में नशे के दुरुपयोग से दुष्प्रभाव पर एक अध्याय शुरू करने का निर्णय लिया है। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि विभाग ने अपने खुफिया तंत्र को सुदृढ़ किया है ताकि मादक पदार्थों की तस्करी और विक्रय के बारे में जानकारी साझा की जा सके।
इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, सचिव स्वास्थ्य अमिताभ अवस्थी, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा और प्रदेश सरकार के विभागाध्यक्ष भी मौजूद रहे।
पूर्व की कांग्रेस सरकार ने राजनीति मकसद से बिना साेचे समझे खाेले थे संस्थानः जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक मकसद से बिना साेचे समझे संस्थानाें काे खाेला था। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा सरकार पर राजनीतिक आधार पर स्वास्थ्य और शिक्षण संस्थानों को बंद करने के लगाए गए आराेपाें पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह पूर्व की कांग्रेस सरकार की संस्कृति रही है कि चुनाव के दिनाें में बिना व्यवस्था के संस्थानाें काे खाेला जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार साेच समझ कर कार्य कर रही है। पूर्व की कांग्रेस सरकार की बिना साेचे समझे संस्थानाें काे खाेलने की संस्कृति काे बदलने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थानाें काे बंद किए जाने काे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने जाे कहा वह उनका अपना मत है, लेकिन सरकार को हर सुविधाओं का ख्याल रखना पड़ता है। सरकार ने बीते दिनों करीब 17 स्वस्थ्य संस्थाओं को डिनोटिफाइ किया था। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में भी कई संस्थानों को बंद किया गया है। जिसे लेकर पूर्व सीएम ने सरकार पर राजनिति करने के आरोप लागए थे।
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