भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने पद पर बने सकते हैं। इसकी एक बड़ी वजह अभी तक 50 फीसदी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव का नहीं हो पाना है। भाजपा संविधान के मुताबिक, 50 फीसदी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। लिहाजा माना जा रहा है कि आज भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में जेपी नड्डा को कार्यकाल का एक्सटेंशन मिल सकता है।
क्या कहता हैं भाजपा का संविधान
भाजपा संविधान के मुताबिक, 50 फीसदी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा, यानी देश के 29 राज्यों में से 14 या 15 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव के बाद ही भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगे। पार्टी नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, देश में अभी तक कहीं भी संगठनात्मक चुनाव नहीं हुए हैं, जिसमें हिमाचल भी शामिल है। संगठनात्मक चुनाव के बाद ही भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव होंगे।
23 जनवरी को नड्डा का, 22 जनवरी को कश्यप का कार्यकाल खत्म
भाजपा राष्ट्रीय और भाजपा हिमाचल अध्यक्ष दोनों का कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है। 23 जनवरी को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का और 22 जनवरी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप का कार्यकाल खत्म होगा। भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में नड्डा को सेवा विस्तार दिए जाने पर सबकी नजर रहेगी। खासकर हिमाचल के लोगों की, क्योंकि नड्डा हिमाचल के बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखते हैं और उनका पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना रहना हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए बड़ी बात है।
नड्डा का कार्यकाल बढ़ता है तो लोकसभा चुनाव तक बने रहेंगे अध्यक्ष
राष्ट्रीय कार्यकारिणी अगर नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाती है तो नड्डा आगामी लोकसभा चुनाव तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रह सकते हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि इस साल देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें मध्य प्रदेश राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम राज्य शामिल हैं।
नड्डा के नेतृत्व में पार्टी ने गुजरात सहित 6 राज्यों यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली है। हालांकि भाजपा नड्डा के गृह राज्य हिमाचल में विधानसभा चुनाव हारी है, लेकिन छोटा राज्य होने के कारण इसका असर नड्डा की राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं दिखता, फिर भी आज देखते हैं कि क्या फैसला होता है।
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