हिमाचल में बड़ी संख्या में कर्मचारी वोट नहीं दे पाए हैं। अब यह मामला तूल पकड़ रहा है। बिलासपुर के घुमारवीं से कांग्रेस प्रत्याशी राजेश धर्माणी ने ऐसे 18 कर्मचारियों की लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारी एवं DC बिलासपुर को सौंपी है। इसमें कहा गया है कि दूसरे चुनाव क्षेत्र में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों ने समय पर पोस्टल बैलेट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन डाक विभाग की देरी के चलते एप्लिकेशन समय पर रिटर्निंग ऑफिसर (RO) कार्यालय नहीं पहुंच पाई।
इससे RO लेवल पर कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट नहीं दिए गए और कई लोग वोट नहीं दे पाए।
राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को वोट देने के अधिकार से वंचित रखने के लिए षड़यंत्र का आरोप लगाया है। उन्होंने इलेक्शन कमीशन से मांग की है कि जिन कर्मचारियों ने समय पर आवेदन कर रखा है, उनके आवेदन की तिथि को देखकर उन्हें वोट देने का अधिकार दिया जाए।
अन्य सीटों से भी ऐसे कर्मचारियों की जानकारी जुटा रही कांग्रेस
प्रदेश की अन्य विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस प्रत्याशी और पार्टी का लीगल सेल इसे लेकर इलेक्शन कमीशन से शिकायत करने जा रहा है। इससे पहले सभी चुनाव क्षेत्रों से कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा रही है कि किन-किन कर्मचारियों ने समय पर पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन किया था और किनकी लापरवाही से कर्मचारी वोट नहीं दे पाए हैं।
देरी से मिली कर्मचारियों की रिक्वेस्ट: RO
इसे लेकर जब RO घुमारवीं राजीव ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वोट नहीं दे पाने वाले जिन कर्मचारियों की लिस्ट कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा दी गई है, उनकी पोस्टल बैलेट की रिक्वेस्ट 10 अक्टूबर को देरी से मिली है। जबकि, पोलिंग पार्टियां इस दिन सुबह के समय ही पोलिंग बूथ को मूव कर गई थीं। इसलिए सभी मतदान केंद्रों की वोटर लिस्ट मार्क करके प्रीजाइडिंग ऑफिसर को सुबह ही हैंड ओवर कर दी गई थी।
क्या बोले DC बिलासपुर?
DC बिलासपुर पंकज राय ने बताया कि राजेश धर्माणी ने जिन कर्मचारियों की लिस्ट उन्हें दी थी, वह संबंधित RC को भेज दी गई है। पता चला है कि कर्मचारियों की पोस्टल की रिक्वेस्ट देरी से मिली है। इसमें किसी तरह का कोई षड्यंत्र नहीं है। पोस्टल बैलेट पोलिंग पार्टी के मूव करने से पहले तक लिए जा सकते हैं, ताकि पोलिंग बूथ को भेजे जाने वाली वोटर लिस्ट में मार्क किया जा सके कि किस कर्मचारी को पोस्टल बैलेट दिया गया है।
इसे मार्क करना इसलिए जरूरी होता है ताकि कोई भी कर्मचारी दो बार वोट न दें।
बाद में नहीं दिया जा सकता पोस्टल बैलेट: गर्ग
हिमाचल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनीष गर्ग ने बताया कि पोलिंग पार्टी के मूव करने के बाद किसी कर्मचारी को पोस्टल बैलेट नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि RO लेवल पर वोटर लिस्ट में यह मार्क करना होता है कि उक्त कर्मचारी को पोस्टल बैलेट दिया गया है।
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