हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रिज मैदान के धंस रहे हिस्से को बचाने के लिए लापरवाही की जा रही है। 37 करोड़ के टेंडर पास होने पर भी काम शुरू नहीं किया जा रहा। हर वर्ष नगर निगम बरसात से पहले धंसे हिस्से को टेंपरेरी रूप से तैयार कर देता है। धंस रहे हिस्से पर टारिंग कितने दिन चलेगी इसकी गारंटी निगम ने भी नहीं ली।
इसे बचाने के लिए प्रोजेक्ट तो तैयार किया गया। लेकिन, 3 सालों से धरातल पर नहीं उतर पाया। वन विभाग ने नगर निगम को काम शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी। काम फिर भी शुरू नहीं हुआ। रिज को बचाने के लिए करीब 4 मंजिला स्ट्रक्चर बनना है। यह स्ट्रक्चर तिब्बती मार्केट से ठीक ऊपर से तैयार होना है। लेकिन, कब बनेगा यह कहा नहीं जा सकता।
10 सालों से कागज में बनी योजना
रिज बचाने की मुहिम बीते 10 सालों से चल रही है। बचाने के नाम पर सीमेंट का मरहम दरारों पर लगाया जा रहा है। लेकिन, यह सब खानापूर्ति ही है। खतरे की घंटी बनती जा रही है। मरम्मत के नाम पर मैदान की बार-बार खुदाई से धंसने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
चपेट में आएगा यह जोन
रिज का जो हिस्सा धंस रहा है, उसका खामियाजा तिब्बतियन मार्केट को भुगतना पड़ेगा। पदमदेव कॉम्प्लेक्स पहले ही सिंकिग जोन की जद में है। ऐसे में इसके धंसने का खतरा बना हुआ है।
MC कमिश्नर का बयान
पूरे मामले पर MC कमिश्नर आशीष कोहली का कहना है कि रिज का टेंडर PWD विभाग को सौंप दिया गया है। रिज मैदान को बचाने में देरी क्यों की जा रही यह PWD विभाग ही बता सकता है। नगर निगम ने टेंडर सौंपकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है।
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