असम की मीता दास के लिए यह भावनात्मक क्षण था, जब उनकी बहन नोमिता, बेटी नंदिता और भाई उन्हें वापस ले जाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए शिमला अस्पताल पहुंचे। मीता दास को न्यायिक दंडाधिकारी पांवटा साहिब ने दो महीने पहले अस्पताल भेजा था, जब वह गुवाहटी से 170 किलोमीटर दूर होजई जिले के बामुगौरी गांव लंका में अपने घर से भटक गई थी। मीता दास मानसिक बीमारी से पीड़ित थी और इस साल फरवरी में उनके पति के निधन से उनकी हालत और खराब हो गई।
वह अप्रैल से अपने घर से लापता थी और उनके परिवार ने स्थानीय पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विचलित मनोस्थिति में उन्हाेंने ट्रेन, बसों में यात्रा की और हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में उतरी और न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए शिमला अस्पताल भेजा गया। अब बीते वीरवार को रिश्तेदार मरीज को वापस लेने आए।
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