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हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की एसएफआई इकाई ने रिसर्च स्काॅलराें के लिए लाइब्रेरी खाेलने की मांग की है। एचपीयू की मुख्य लाइब्रेरी नाै महीने से बंद है। एसएफआई ने मुख्य लाइब्रेरियन को ज्ञापन पत्र सौंपा। एसएफआई ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को 18 मार्च से बंद कर दिया गया था और अब 9 महीने से ज्यादा समय हो चुका है।
जबकि किसी भी छात्र और शोधार्थी को लाइब्रेरी के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। जबकि बहुत से शोधार्थी जो की पूरी तरह से अपने अध्ययन के लिए लाइब्रेरी पर निर्भर होते हैं, उन्हें कोई भी सुविधा नहीं दी गई है। जिसके चलते उनका शोध कार्य पिछले 9 महीने से रुका हुआ है।
कैंपस सचिव गौरव नाथन का कहना है कि जब प्रशासन से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने काेराेना का हवाला देते हुए मना कर दिया था, परंतु प्रशासन दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में लगातार प्रोफेसर पदों के लिए साक्षात्कार और अन्य गतिविधियां करवा रहा है।
एसएफआई का कहना है कि अगर प्रशासन इस महामारी के समय में शिक्षक भर्ती करवा सकता है तो शोधार्थियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार क्यों किया जा रहा है। बहुत से शोधार्थी ऐसे हैं, जिनकी सबमिशन की समय अवधि पूरी हो चुकी है। जबकि प्रशासन शोधार्थियों से पूरी फीस तो वसूल कर रहा है, लेकिन उनके लिए लाइब्रेरी की सुविधा देने के लिए संकोच कर रहा है।
इस तरह के रवैये से शोधार्थी अाैर छात्र पूरी तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। कैंपस सचिव गौरव नाथन ने कहा कि अगर शोधार्थियों के लिए लाइब्रेरी नहीं खोली तो विश्वविद्यालय प्रशासन आने वाले समय के अंदर आंदोलन के लिए तैयार रहे।
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