हिमाचल प्रदेश को इस साल के अंत में नई सरकार, नया मुख्यमंत्री और नई कैबिनेट मिलेगी, जबकि नए साल में नए मुख्य सचिव (CS) के साथ-साथ नया पुलिस महानिदेशक (DGP) मिलना भी लगभग तय है। सरकार किसकी बनेगी और मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका पता 8 दिसंबर को लग जाएगा, लेकिन सूबे की ब्यूरोक्रेसी का नया बॉस कौन होगा, इसका फैसला नए साल में ही संभव है।
राज्य के मौजूदा CS एवं 1988 बैच के IAS आरडी धीमान 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। इनके बाद अगला CS कौन होगा? इसे लेकर अभी से चर्चाएं शुरू हो गई हैं। राज्य में नए CS का चयन ठीक वैसा मुश्किल माना जा रहा है, जैसे अभी नई सरकार और नए मुख्यमंत्री का चयन है, क्योंकि क्योंकि जय राम सरकार ने 3 वरिष्ठ IAS की सीनियोरिटी को नजरअंदाज करते आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया है।
वहीं आरडी धीमान के बाद सीनियोरिटी में 1988 बैच के ही सीनियर IAS अली रजा रिजवी भी अभी सेंटर डेपुटेशन पर दिल्ली में हैं। रिजवी के बाद वरिष्ठता में के. संजय मूर्ति सीनियर हैं। वह भी अभी सेंटर में डेपुटेशन पर हैं। के. संजय मूर्ति के बाद ACS वित्त प्रबोध सक्सेना सबसे सीनियर हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नई सरकार एडवाइजर लगाए गए 3 वरिष्ठ नौकरशाह में से किसी को CS बनाती है या फिर तीनों नौकरशाह को बिना काम के ही पहले की तरह रखा जाता है।
नौकरशाही में हलचल हुई शुरू
हिमाचल में अभी रिजल्ट आने बाकी हैं, लेकिन राज्य में इससे पहले ही अफसरशाही में हलचल शुरू हो गई है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच कुछ नौकरशाहों ने अभी से सेंटर डेपुटेशन पर जाने का मन बना लिया है।
खासकर जयराम सरकार के करीबी CM के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुभाशीष पांडा और प्रिंसिपल सेक्रेटरी रजनीश ने सेंटर डेपुटेशन की सरकार से अनुमति मांग ली है। अब इनके लिए दिल्ली से सिर्फ बुलावे का इंतजार है। ऐसे में हिमाचल की नई सरकार को आने वाले दिनों में नौकरशाहों की कमी से जूझना पड़ेगा, क्योंकि राज्य सरकार पहले ही IAS अधिकारियों की कमी से जूझ रही है।
DGP का बदलना भी तय
हिमाचल में DGP का बदलना भी लगभग तय है, क्योंकि संजय कुंडू ने सितंबर से ही सेंटर डेपुटेशन पर जाने को अप्लाई कर रखा है। ऐसे में दिल्ली से बुलावा आते ही कुंडू कभी भी हिमाचल को बाय-बाय कर सकते हैं।
दिल्ली से बुलाना नहीं आने पर भी यदि राज्य में सरकार बदलती है तो DGP का बदलना फिर भी तय माना जा रहा है। भाजपा रिपीट करती है तो संजय कुंडू को कुछ समय से लिए सरकार कंटिन्यू कर सकती है।
हिमाचल पहले ही झेल रहा नौकरशाह की कमी
आरडी धीमान के बाद कई अन्य अधिकारी भी अगले 3 से 3 महीने में रिटायर होने जा रहे हैं। इससे राज्य में नौकरशाहों का संकट और गहराएगा, क्योंकि राज्य में 153-IAS के कॉडर में से 117 ही वर्किंग हैं। 12 IAS अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं।
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