हिमाचल प्रदेश के एक भी सेब बागवान ने 6 प्रतिशत GST प्रतिपूर्ति राशि के लिए बागवानी विभाग के पास आवेदन नहीं किया है। इससे राज्य सरकार की कार्टन पर 6 प्रतिशत GST छूट का फायदा एक भी बागवान को नहीं मिल पाया।
हैरानी इस बात की है कि इस साल बागवानों ने 'कार्टन व ट्रे' पर केंद्र सरकार द्वारा GST दर 12 से बढ़ाकर 18% करने का जबरदस्त विरोध किया। बागवानों ने डेढ़ माह से अधिक समय तक सड़कों पर इस बढ़ोतरी के खिलाफ काफी लंबी लड़ाई लड़ी।
बागवानों के विरोध के बाद जयराम मंत्रिमंडल ने बढ़ी हुई 6% GST दर का भुगतान सरकार द्वारा करने का भरोसा दिया। कैबिनेट के इस निर्णय के तहत 6% GST छूट के लिए बागवानों को हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के पास आवेदन करना था। GST प्रतिपूर्ति राशि के लिए आवेदन करते वक्त कार्टन का बिल जमा करना अनिवार्य किया गया।
एप्लिकेशन को बागवानी विभाग द्वारा सत्यापित करने के बाद सरकारी उपक्रम HPMC ने बागवानों को GST प्रतिपूर्ति राशि लौटानी थी, लेकिन एक भी बागवान ने इसके लिए आवेदन करने में रुचि नहीं दिखाई, जबकि इस बार करीब 4.25 करोड़ कार्टन बिका है।
सरकारी सिस्टम को दोषी ठहरा रहे बागवान
GST के लिए आवेदन नहीं करने के लिए बागवान सरकारी सिस्टम को ही दोष दे रहे हैं। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने बताया कि बागवान शुरू से कह रहे थे कि उन्हें बाजार में 6 फीसदी GST कटौती के साथ कार्टन मुहैया कराया जाए, क्योंकि GST प्रतिपूर्ति राशि के लिए जिस तरह की शर्तें लगाई गईं, उन्हें पूरा कर पाना बागवानों के लिए संभव नहीं था।
जटिल शर्तों के कारण अप्लाई नहीं कर पाए बागवान: महेंद्र
सेब उत्पादक संघ ठियोग के अध्यक्ष महेंद्र वर्मा ने बताया कि सीजन के दौरान पहले ही लेबर की कमी खलती है। ऐसे वक्त में सरकार ने मात्र 6 फीसदी GST राशि के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करने की शर्त लगाई, जिन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं था। यही वजह रही कि बागवान शुरू से ही जटिल शर्तों का विरोध कर रहे थे। इसी वजह से बागवान अप्लाई नहीं कर पाए।
कार्टन विक्रेता नहीं देते बिल : वर्मा
ठियोग के बागवान संजीव वर्मा ने बताया कि अधिकतर कार्टन विक्रेता बिल नहीं देते हैं। ऐसे में बिना बिल के कार्टन पर GST प्रतिपूर्ति राशि के लिए आवेदन कर पाना संभव नहीं था। सेब उद्योग पहले ही इनपुट कॉस्ट बढ़ने से संकट में हैं। ऐसे में कार्टन पर GST 18% करने से कार्टन के दाम आसमान छूने लगे हैं। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की कि अगले सीजन से कार्टन को GST मुक्त किया जाए।
एक भी बागवान ने नहीं किया अप्लाई: मोक्टा
कार्यकारी बागवानी निदेशक सुदेश मोक्टा ने बताया कि सरकार ने सभी बागवानों को 6% प्रतिशत GST प्रतिपूर्ति राशि देने का निर्णय लिया था, लेकिन एक भी बागवान ने विभाग के पास सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं किया।
ट्रे के दाम में 300 रुपए तक का उछाल
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा कार्टन पर GST 6 प्रतिशत बढ़ाने के बाद इस सीजन में कार्टन व ट्रे के दाम में भारी इजाफा हुआ है। खासकर ट्रे के दाम प्रति बंडल 150 से 300 रुपए तक बढ़े हैं। इसी तरह कार्टन के रेट में भी 12 से 20 रुपए तक उछाल आया है।
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