हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल से सोशल डिस्टेंसिग गायब:IGMC शिमला में एक दूसरे से चिपक कर लोग कर रहे बारी का इंतजार, कोरोना के 40 मरीज अभी भी हैं उपचाराधीन

शिमला2 वर्ष पहले
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आईजीएमसी शिमला में उपचार व इलाज कराने के लिए पहुंचे लोग, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नहीं। - Dainik Bhaskar
आईजीएमसी शिमला में उपचार व इलाज कराने के लिए पहुंचे लोग, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नहीं।

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC शिमला में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज आते हैं, जो सोशल डिस्टेंसिंग भूल ही गए हैं या कहें कि वे कोरोना महामारी को भूल ही गए हैं। लोग एक दूसरे से सट कर खड़े होकर दवाइयां खरीद रहे हैं। अपनी रिपोर्ट ले रहे हैं। अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन का सिक्योरिटी स्टाफ भी सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने और रखवाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। सुबह के समय तो आईजीएमसी में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई नाम नहीं होता।

आईजीएमसी के मुख्य गेट से अंदर होते ही भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। जैसे ही पर्ची काउंटर के पास पहुंचे, वहां पर भी काफी संख्या में लोग एक दूसरे के साथ सटे हुए थे। जबकि यहां से बाहर निकलते ही एसआरएल लैब के पास और जेनेरिक मेडिकल स्टोर के पास लोग इस कदर एक दूसरे के ऊपर चढ़े हुए थे कि देखकर ऐसा लग रहा था कोरोना संक्रमण की बीमारी पूरी तरह से खत्म ही हो गई हो। आईजीएमसी के ट्रामा सेंटर के बाहर भी इसी तरह लोगों की भीड़ उमड़ी हुई नजर आई।

बिना सोशल डिस्टेंसिंग के लाइन में लगकर पर्ची बनवाने के लिए बारी का इंतजार करते लोग।
बिना सोशल डिस्टेंसिंग के लाइन में लगकर पर्ची बनवाने के लिए बारी का इंतजार करते लोग।

ओपीडी में डॉक्टर हो रहे संक्रमित, वार्ड में मरीज

आईजीएमसी एकमात्र ऐसा अस्पताल है, जिसमें कोरोना महामारी के दौरान भी सामान्य ओपीडी को सुचारू रूप से जारी रखा गया। ऐसे में आईजीएमसी के कई डॉक्टर भी संक्रमित हुए। अब जब दोबारा से यहां पर भीड़ बढ़ रही है तो डॉक्टर संक्रमित हो रहे हैं। वहीं जब विभिन्न वार्डों में एडमिट मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर जा रहे हैं तो मरीज भी संक्रमित हो रहे हैं।

एसआरएल लैब के बाहर रहती है सबसे ज्यादा भीड़

आईजीएमसी की एसआरएल लैब के बाहर भी सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ रहती है। सुबह से ही यहां पर भीड़ जुटना शुरू हो जाती है, जो शाम तक रहती है। आईजीएमसी में सभी प्रकार के टेस्ट के लिए सैंपल यहीं पर लिए जाते हैं, जबकि उनकी रिपोर्ट भी दोपहर बाद ही दी जाती है। ऐसे में एक ही स्थान पर सैंपल लेने और रिपोर्ट देने की वजह से काफी संख्या में लोगों की भीड़ भी रहती है।

दवाई खरीदने के लिए अपनी बारी आने का इंतजार करते लोग।
दवाई खरीदने के लिए अपनी बारी आने का इंतजार करते लोग।

रोजाना दो हजार से ज्यादा रहने की आईजीएमसी की ओपीडी

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में रोजाना की ओपीडी 2 हजार से ज्यादा रहती है। शुक्रवार की जनरल ओपीडी 2284 और आपातकाल में 48 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बाद से यहां पर मरीजों की संख्या वैसे ही बढ़ गई है, क्योंकि बाहरी राज्यों के अस्पतालों में उपचार कम हो रहा है। ऐसे में लोग आईजीएमसी का ही रुख कर रहे हैं।

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