हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अब स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार के टेस्ट करवाने के लिए गांव से बाहर या निजी लैब में नहीं जाना पड़ेगा। अगले 15 दिनों में उन्हें सीएचसी और पीएचसी सेंटर पर सभी तरह के टेस्ट करवाने की सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग ने नई करसना कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया है।
विभाग ने कंपनी को अगले 2 सप्ताह के भीतर काम शुरू करने के लिए कह दिया है। इसके बाद लोगों को प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही खून संबंधित सभी तरह के टेस्ट कराने की सुविधा मिल जाएगी। कंपनी कर्मचारी सैंपल लेकर आगे भेजेगा, जिसकी सरकारी अस्पताल में जांच करके रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
अस्पतालों में 233 टेस्ट फ्री होंगे
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पताल परिसरों में स्थापित निजी लैबों में 56 नहीं, बल्कि 233 टेस्ट निशुल्क होंगे। कंपनी अस्पतालों में टेस्टिंग के लिए आधारभूत ढांचा स्थापित करने के काम में लगी है, जिसे अगले 15 दिन में पूरा करने क़ो कहा गया है। प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों, जोनल अस्पतालों, सिविल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लैब स्थापित हैं।
इनमें सरकारी रेट पर हर तरह के टेस्ट होते हैं। स्वास्थ्य विभाग की अपनी लैब भी है, लेकिन इनमें 12 बजे तक टेस्ट होते हैं। उसके बाद इनकी जांच की जाती है। ऐसे में लोगों को निजी लैब में टेस्ट करवाने पड़ते हैं। पहले अस्पतालों में 11 तरह की श्रेणियों में आने वाले मरीजों को ही यह सुविधा मिली थी, लेकिन अब सभी मरीजों को निशुल्क टेस्ट सुविधा का लाभ मिलेगा।
इसमें अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन भी शामिल हैं। प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा ने बताया कि कंपनी को अगले 15 दिन में सीएचसी और पीएचसी स्तर पर टेस्ट लेने का काम शुरू करने को कह दिया गया है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है। लोगों का समय और पैसा बचेगा।
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