शिमला जिला के बाघी क्षेत्र में चेरी के बगीचों में लगी बीमारी को लेकर बागवानी निदेशक ने शिमला में कल हाई पावर कमेटी की बैठक बुलाई है। इसमें फाइटोप्लाजमा बीमारी की रोकथाम के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जाने को लेकर चर्चा होगी।
गौरतलब है कि बाघी क्षेत्र में चेरी के बगीचों में इसी साल सितंबर माह में अज्ञात बीमारी से 90 फीसदी पौधे सूख गए थे। इसके बाद बागवानी विभाग ने आनन-फानन में नौणी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की और बीमारी का पता लगाने के निर्देश दिए।
कमेटी ने कई दिन तक बाघी क्षेत्र में डेरा डाले रखा। कमेटी की कई दिनों की जांच में पता चला कि बाघी व आसपास के क्षेत्रों में फाइटोप्लाज्मा वायरस से चेरी के बगीचे सूख रहे हैं। इसके बाद नौणी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बागवानों को कुछ छिड़काव का सुझाव दिया।
इन दिनों चेरी के पौधे से पत्तियां झड़ गई है और पौधे सुप्तावस्था में है। मार्च में फिर से नए पत्ते आने शुरू होंगे। तब इस बीमारी का प्रकोप न बढ़े,इसे नियंत्रण करने के मकसद से कल बैठक रखी गई है।
80 से 90 फीसदी पौधे सूख चुके
बाघी निवासी बागवान राज कुमार के मुताबिक स्थानीय बागवानों की मानें तो क्षेत्र में चेरी के 80 से 90 प्रतिशत पौधे सूख गए हैं। इससे अगले साल फसल लगने की संभावनाएं खत्म हो गई है।
प्लम ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा ने बताया कि यदि इस बीमारी को कंट्रोल नहीं किया गया तो यह साथ लगते नारकंडा, थानाधार, कंडियाली, कुमारसैन आदि क्षेत्रों में भी फैल जाएगी। इससे क्षेत्र के बागवान चिंतित है।
नारकंडा में पंजाब के पूर्व CM का भी चेरी का बगीचा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी नारकंडा के साथ लगते क्षेत्र में चेरी का बगीचा है। यहां आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बागवानों की रोजी-रोटी चेरी पर निर्भर है। प्लम ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा ने इस बीमारी को रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने की अपील की है।
हाई पावर कमेटी की बैठक में यह होंगे शामिल
इस बैठक में डिप्टी डॉयरेक्टर बागवानी विभाग शिमला, SMS कोटखाई, HDO नारकंडा, प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर थानेदार के इंचार्ज के अलावा प्लम ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा, राजकुमार भीमटा बाघी, राजू कैंथला नारकंडा, सतीश भलैक थानादार और शेर सिंह सहोब्टा बाघी को बुलाया गया।
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