हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को हासिल करने का मुद्दा गर्माने लगा है। गुरुवार को कांगड़ा के जयसिंहपुर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह चुनावी रैली करने पहुंचे। इस दौरान लोगों ने 'PoK चाहिए ' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर राजनाथ मुस्कुरा दिए और कहा- धैर्य रखिए, धैर्य रखिए।
राजनाथ ने आगे कहा, 'आजाद भारत में नेताओं की कथनी-करनी में अंतर है। इसलिए राजनीति और नेताओं पर से जनता का विश्वास समाप्त हो गया है। विश्वास के इस संकट को भाजपा ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।'
बडगाम में कहा था- हमारा मकसद PoK को दोबारा हासिल करना
राजनाथ सिंह PoK का मुद्दा हफ्तेभर पहले कश्मीर में बडगाम के शौर्य दिवस पर भी उठा चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान को चुनौती देते हुए कहा था कि PoK के साथ जो पाकिस्तान ने किया है, उसे उसकी कीमत भुगतनी पड़ेगी। मोदी सरकार ने कश्मीर का विकास शुरू कर दिया है और सरकार तब तक नहीं रुकेगी, जब तक वह गिलगित-बाल्टिस्तान नहीं पहुंच जाती।
उन्होंने कहा था- भारतीय संसद में 22 फरवरी 1994 को गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे शेष हिस्सों को फिर से हासिल करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था। मोदी सरकार का उद्देश्य उस संकल्प को लागू करना है। पढ़ें पूरी खबर...
हिमाचल में 12 नवंबर को एक चरण में मतदान
हिमाचल विधानसभा की 68 सीटों पर 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है। यहां चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है। हिमाचल में पांच साल से भाजपा सरकार है। जबकि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। BJP हिमाचल में दोबारा सरकार बनाने के लिए जोर लगा रही है। पार्टी के तमाम बड़े नेता प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में राजनाथ सिंह गुरुवार को जयसिंहपुर में सभा करने पहुंचे थे।
5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी हिमाचल में दो सभाएं है। गुरुवार को ही आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोलन में रोड शो किया। इस रोड शो में अरविंद केजरीवाल मुर्दाबाद के नारे लगे। पढ़िए पूरी खबर...
रक्षामंत्री के बयान पर औजला बोले- सेना तैयार
शौर्य दिवस पर रक्षा मंत्री की ओर से किए गए दावे के बाद श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ADS औजला कह चुके हैं कि भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के शेष हिस्सों पर फिर से कब्जा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना को सिर्फ सरकार के आदेश का इंतजार है।
औजला ने कहा था, ‘केंद्र सरकार जब भी फैसला लेगी और भारतीय सेना के पास आदेश आएंगे, तो हम पूरी तरह से तैयार हैं। हम आधुनिक रूप से भी खुद को मजबूत कर रहे हैं, ताकि हमें ऐसी स्थिति में पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़े।’
गिलगित-बाल्टिस्तान के पश्चिम में अफगानिस्तान और इसके दक्षिण में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) है। चिनार कॉर्प्स कमांडर ने आश्वासन दिया था कि LOC पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और सेना सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी ताकत से तैयार है।
जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है PoK
PoK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का वह हिस्सा है जो पाकिस्तान के साथ लगता है। 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने कबीलाई विद्रोहियों की मदद से जम्मू-कश्मीर के इस हिस्से पर कब्जा कर लिया था।
भारतीय फौज इस हिस्से को वापस लेने के लिए लड़ रही थी, मगर उसी समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) चले गए। UN ने दखल देकर दोनों देशों के बीच युद्ध विराम करवा दिया और ‘जो जहां था, वहीं काबिज हो गया।’
उसी समय से दोनों देशों की फौजें इंटरनेशनल सरहद की जगह लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के दोनों तरफ डटी हैं। LoC दोनों मुल्कों के बीच खींची गई 840 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है।
पाकिस्तान ने PoK को बांट रखा है दो हिस्सों में
पाकिस्तान, PoK को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और उसे आजाद कश्मीर बताता है। मौजूदा समय में पाकिस्तान ने Pok को गिलगिट और बाल्टिस्तान, दो हिस्सों में बांट रखा है। भारत सरकार समय-समय पर PoK को वापस लेने की बात कहती रही है।
2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुआई में BJP सरकार बनने के बाद यह मुद्दा ज्यादा गरमा गया। मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद PoK को वापस लेने की मांग जोर-शोर से उठती रही है।
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