• Hindi News
  • Local
  • Himachal
  • Shimla
  • Sarbjeet Singh Bobby Langar In IGMC | KNH | CM Sukhvinder Singh | Ex President Ramnath Covind | Ex CM Virbhader Singh

शिमला में जरूरतमंदों की दरकार "वेला सरदार':IGMC और KNH में रोजाना 3000 लोगों को परोस रहे लंगर; पूर्व राष्ट्रपति ले चुके इनसे परामर्श

शिमला2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
मुख्यमंत्री सुक्खू से मिलते हुए सरबजीत बॉबी।

जनवरी 1950 में संविधान लागू होने के बाद भारत आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर शिमला के समाजसेवी एवं ऐसी शख्सियत की बात करेंगे, जो संविधान की मूलभावना व जरूरतमंदों के लिए कम कर रहे हैं। भास्कर की इस ग्राउंट रिपोर्ट में बात करेंगे शिमला के "वेले सरदार' नाम से मशहूर सरबजीत बॉबी की...

संविधान का 21वां अनुच्छेद लोगों को खाने-पीने की स्वतंत्रता देता है। मगर, शिमला के दो बड़े अस्पताल IGMC और KNH (कमला नेहरू अस्पताल) में बीमारी पर अधिक खर्च के कारण जो मरीज व उनके तीमारदार भोजन का प्रबंध नहीं कर पाते। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं होती। सरबजीत बॉबी की ऑलमाईटी बलेसिंग्स संस्था ऐसे लोगों को मुफ्त भोजन करवाती है। यही नहीं साधन संपन्न लोग भी रोजाना यहां लंगर चखते हैं।

9 साल से लगा रहे निशुल्क लंगर
शिमला में सरबजीत बॉबी 9 सालों से निशुल्क लंगर लगा रहे हैं। सुबह, दोपहर और शाम होते ही लंगर हॉल के बाहर मरीजों व उनके तीमारदारों की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो जाती हैं। जो मरीज वार्ड में भर्ती होते हैं, उन्हें भी बॉबी के लंगर का भोजन दिया जाता है।

बॉबी के साथ जुड़ते जा रहे सेवा भावना वाले लोग
सरदार बॉबी ने 2014 में पहले इस लंगर की शुरुआत अकेले की। जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, उनके साथ सेवा भावना वाले दर्जनों लोगों का कारवां जुड़ता गया। शुरू में उन्होंने शिमला के स्कूलों के मुखिया से संपर्क किया और बच्चों से रोजाना एक-दो चपाती लाने का आग्रह किया।

बॉबी शिमला के लोअर बाजार में जूते व चप्पलों की छोटी सी दुकान भी चलाते हैं।

बारिश, बर्फबारी, धूप की परवाह किए बगैर चल रहा लंगर
यह किसी के लिए अनिवार्य नहीं है। बल्कि जो बच्चे एच्छिक रोटी देना चाहते हैं, वो रोटी देते हैं और स्कूल प्रबंधन के माध्यम से बॉबी के लंगर तक पहुंचाई जाती हैं। इस तरह पहले राजधानी के स्कूलों से रोटी की कलेक्शन की गई। बाद में कई घरों और शिमला के आसपास के इलाकों से भी रोटियां इकट्‌ठी होनी शुरू हो गईं। इस तरह सरबजीत का लंगर बिना रुके बारिश, बर्फबारी, धूप की परवाह किए बगैर चल रहा है।

ब्लड अरेंजमेंट और एंबुलेंस का भी प्रबंध करते हैं बॉबी
सरबजीत बॉबी मुफ्त में रक्त के अरेंजमेंट के अलावा मरीजों को एंबुलेंस ​​​​​​​भी मुफ्त में देते हैं। मरीजों को ठंड से बचने के लिए वह कंबल, बिस्तर, रक्त और ऑक्सीजन का भी प्रबंध करवाते हैं।

दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र भी चख चुके बॉबी का लंगर
​​​​​​​सरबजीत बॉबी के इस लंगर में पूर्व मुख्यमंत्री ‌एवं दिवंगत वीरभद्र सिंह भी भोजन कर चुके हैं।

राष्ट्रपति ने भी जाना बॉबी से लंगर का कॉन्सेप्ट
3 जनवरी 2020 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बॉबी को राष्ट्रपति भवन बुलाकर उनके रोटी बैंक के कॉन्सेप्ट के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई थी। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल भी उनसे बात कर लंगर शुरू करने के लिए बॉबी से परामर्श ले चुके हैं।

6000 शवों का करवा चुके अंतिम संस्कार
​​​​​​​सरबजीत बॉबी ने इस सामाजिक कार्य की शुरुआत 1998 में की। तब वह डेडबॉडी वैन चलाते थे और मृतकों के शवों को दाह संस्कार के लिए मोक्ष धाम तक ले जाते हैं। अब तक वह 6000 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। इनमें वे लोग ज्यादा हैं, जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है।

पूर्व सरकार ने उनके लंगर की बिजली पानी की बंद
​​​​​​​बॉबी के लंगर को लेकर पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में बड़ा विवाद भी हुआ। तब पूर्व MS एवं वर्तमान में विधायक डॉ. जनकराज ने ऑलमाईटी संस्था के लंगर हॉल की बिजली-पानी कटवा दी। फिर भी बॉबी का लंगर नहीं रुका।

CM सुक्खू ने 18 महीने बाद बहाल किया बिजली-पानी
​​​​​​​बॉबी ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते पूर्व सरकार ने उनके लंगर हॉल से बिजली-पानी को काटा। उनके बार-बार आग्रह पर भी इसे बहाल नहीं किया गया। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही CM सुखविंदर सुक्खू ने "वेले बॉबी' के हौसलों को दी उड़ान देते हुए 18 महीने से बंद पड़ी बिजली-पानी बहाल कर दिया।