देशभर से पर्यटक नए साल के जश्न के लिए पहाड़ों की राजधानी शिमला पहुंचे। मगर, उन्हें सेलिब्रेशन के लिए जिला प्रशासन के अधूरे इंतजामों की वजह से मायूसी हाथ लगी। पर्यटकों के नाचने-गाने के लिए रिज पर DJ तक का इंतजाम नहीं था।
रिज पर जैसी रौनक कोरोना से पहले के सालों में न्यू ईयर पर होती थी, इस बार पर्यटकों को वैसा माहौल नहीं मिल पाया। इसी तरह पर्यटकों की आवाजाही पर भी जिला प्रशासन की एडवाइजरी का बुरा असर देखा गया। इससे शिमला के पर्यटन कारोबारी मायूस हैं।
जिला प्रशासन ने जारी की यह एडवाइजरी
दरअसल, न्यू ईयर पर यातायात को दुरुस्त रखने के लिए पुलिस ने इस बार ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया है और उन्हीं गाड़ियों को तारादेवी से शिमला आने दिया, जिनके पास होटल की बुकिंग के डॉक्यूमेंट थे। इसे लेकर प्रशासन ने एडवांस में एडवाइजरी जारी कर दी थी। इस शर्त की वजह से शिमला से पर्यटकों ने मुंह मोड़ लिया, प्रदेश की अन्य पर्यटन सैरगाहों पर खूब सैलानी पहुंच रहे हैं।
जिला प्रशासन ने किया करोड़ों का नुकसान: एमके सेठ
शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं हिमाचल होटल फेडरेशन के महासचिव एमके सेठ ने बताया कि जिला प्रशासन की एडवाइजरी की वजह से पर्यटन कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि बीते सालों के दौरान न्यू ईयर पर एडवांस में ही शत-प्रतिशत ऑक्युपेंसी हो जाती थी।
एडवाइजरी ने सरकार के रेवेन्यू का भी नुकसान कराया
मगर, इस बार 31 दिसंबर की दोपहर तक 50 फीसदी और देर रात तक 75 फीसदी ऑक्युपेंसी हो पाई। उन्होंने बताया कि इस तरह की बंदिशों से सैलानियों ने शिमला से मुंह मोड़ा है। 3 दिन से शिमला में सड़कें खाली हैं। इस एडवाइजरी की वजह से होटलियर के साथ-साथ सरकार को भी रेवेन्यू के रूप में घाटा हुआ है।
व्यवस्थाओं को जांचने CM खुद पहुंचे रिज
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू देर शाम खुद न्यू ईयर के जश्न के दौरान कानून व्यवस्थाओं का जायजा लेने रिज पहुंचे। उन्होंने पुलिस को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और उन्होंने कई पर्यटकों से भी बातचीत की। इस दौरान उनके साथ विधायक हर्षवर्धन चौहान, अनिरुद्ध सिंह तथा सुंदर सिंह ठाकुर, CM के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान इत्यादि भी मौजूद रहे।
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