हिमाचल प्रदेश में जंगल फिर धधकने लगे हैं। बीते 24 घंटे में प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में आग की 75 से ज्यादा घटनाएं पेश आई हैं। शिमला के साथ लगते जुन्गा क्षेत्र और मेहली के जंगल पिछले 48 घंटे से जल रहे हैं। 16 मील के जंगल में भी रविवार रात 12 बजे के बाद भीषण आग लग गई।
दमकल विभाग, वन विभाग और स्थानीय लोगों की मदद से 16 मील के जंगल में लगी आग पर तो आज सुबह तक काबू पा लिया गया है, लेकिन जुन्गा और मेहली के साथ लगता जंगल अभी भी सुलग रहा है। उधर, सोलन के कसौली के जंगल में आज भी आग तबाही मचा रही है।
यहां पर हेलिकॉप्टर से आग बुझाने के प्रयास जारी हैं। कसौली में आग बुझाते वक्त दो दमकल कर्मियों सहित चार लोग झुलस गए हैं। इनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है। चार घायल PGI में उपचाराधीन हैं। इन घटनाओं से लाखों की वन संपदा और वन्य जीव जलकर राख हो गए हैं।
हालांकि बीते सप्ताह प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के बाद आग पर काबू पा लिया गया था, लेकिन चार-पांच दिन से प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में वन अग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं। आग बुझाने में दमकल विभाग और वन कर्मियों के पसीने छूट रहे हैं। स्थानीय लोग भी आग बुझाने में मदद कर रहे हैं।
CM ने दिए कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जंगल में आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निदेश दिए हैं। दरअसल, जंगलों के साथ बसे लोग कई बार अपने खेतों व घासनी में झाड़ियां इत्यादि जलाने को आग लगा देते हैं, जो सूखे की वजह से जंगलों में फैल जाती है।
इसी तरह कुछ लोग जंगल में अच्छी घास उग आए, इसलिए छवान जलाने को भी आग लगाते हैं। कुछ लोग जंगल में चलते वक्त बीड़ी-सिगरेट बिना बुझाए फेंक देते हैं। यह मानवीय भूल भारी विनाश का कारण साबित हो रही है।
47 दिन में 1350 घटनाएं
प्रदेश में एक अप्रैल से 16 मई तक आग की 1350 घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 10 हजार हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जलकर राख हो गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों के जंगलों में आग की दर्जनों ऐसी घटनाएं होती हैं, जिसकी विभाग को सूचना तक नहीं मिल पाती है।
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