हिमाचल में बारिश से भारी तबाही हुई है। बीते 24 घंटे में बाढ़, लैंडस्लाइड और बादल फटने की 34 घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लापता हैं। कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में कुदरत का कहर सबसे ज्यादा बरपा। मंडी में 14, चंबा के भटियात में 3 और कांगड़ा व शिमला जिले में 2-2 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक 9 साल की एक बच्ची भी है जिसकी कांगड़ा के शाहपुर में मकान गिरने से जान चली गई।
भारी बारिश के बाद चक्की खड्ड पर बने कांगड़ा को पंजाब के पठानकोट से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के पुल को रातभर के लिए बंद कर दिया गया। पुल को ट्रैफिक के लिए खोलना है या नहीं, रविवार सुबह NHAI के अधिकारी पुल का निरीक्षण करने के बाद इसका फैसला लेंगे। इससे पहले चक्की खड्ड पर बना रेलवे ब्रिज शनिवार सुबह बह गया।
हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य के चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान ने अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग ली। इसमें बारिश से अस्त-व्यस्त हो चुके कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए गए। बाकी जिलों के डीसी भी हालात के अनुसार स्कूल-आंगनवाड़ी सेंटर बंद करने का फैसला ले सकेंगे।
लोगों की सुरक्षा को देखते हुए बंद किया ब्रिज
हिमाचल के ऊपरी इलाकों में हुई भारी बरसात की वजह से चक्की खड्ड उफान पर है। चक्की खड्ड पर मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे और रेलवे के ब्रिज अगल-बगल में बने हुए थे। शनिवार सुबह खड्ड में आए उफान में रेलवे ब्रिज ढह गया जबकि नेशनल हाईवे के ब्रिज को नुकसान पहुंचा। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताने के बाद लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए शनिवार देर शाम पुल को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया।
पंजाब और दूसरे राज्यों से मंडी-कांगड़ा की तरफ आने वाले ट्रैफिक को दूसरे रास्तों पर डाइवर्ट कर दिया गया। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारी अनिल सैन ने बताया कि भारी बारिश को देखते हुए फिलहाल पुल को ट्रैफिक के लिए बंद किया गया है। रविवार सुबह पुल का निरीक्षण करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
धर्मशाला में बारिश ने तोड़ा 64 साल का रिकॉर्ड
कांगड़ा जिले के धर्मशाला में 24 घंटे में 333 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही यहां बारिश का 64 साल का रिकार्ड टूट गया। इससे पहले 6 अगस्त 1958 को यहां 314.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। हमीरपुर में 6 से 7 घर ब्यास नदी में डूब गए। इनमें फंसे 19 लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर लिया गया।
ब्यास नदी ने कांगड़ा से मंडी तक भारी नुकसान पहुंचाया। हिमाचल के अलग-अलग जिलों में 742 सड़कें ब्लॉक हो गईं। बिजली के 2000 ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए और 172 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।
मंडी में पहाड़ धंसा, एक ही परिवार के 8 लोग दबे
मंडी जिले में बारिश का कहर सबसे ज्यादा बरपा। यहां गोहर में पहाड़ी धंसने से काशन पंचायत के जड़ोन गांव में पंचायत प्रधान खेम सिंह के परिवार के 8 सदस्य इसकी चपेट में आ गए। सभी के शव बरामद कर लिए गए। हादसे में पंचायत प्रधान खेम सिंह के साथ-साथ उनके परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई। शुक्रवार देर रात हुई लैंड स्लाइड के समय सभी घर में सो रहे थे। मंडी जिले में ही तीन अन्य हादसों में 4 और लोगों की जान चली गई।
राज्य के 12 में से 11 जिलों में अगले 46 घंटे भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले 36 से 46 घंटे तक राज्य में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। इस दौरान लाहौल स्पीति को छोड़कर बाकी सभी 11 जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। प्रदेश में मौसम 24 अगस्त के बाद ही साफ होने की उम्मीद है।
चक्की रेलवे ब्रिज बंद था ट्रेनों के लिए
कांगड़ा में चक्की खड्ड पर बना पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला रेलवे पुल शनिवार सुबह बह गया। हालांकि, इस पुल को एक हफ्ते पहले ही असुरक्षित घोषित कर किया जा चुका था। यहां ट्रेनों का परिचालन अगस्त के पहले हफ्ते में ही बंद कर दिया गया था।
पिछले 24 घंटे में कांगड़ा में सबसे ज्यादा 346.6 मिमी बारिश: हिमाचल में बीते 24 घंटे के दौरान कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 346.6 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी में 119.6 मिमी, डलहौजी में 111 मिमी, पालमपुर में 113 मिमी, सुंदरनगर में 77.7 मिमी, धर्मशाला में 333 मिमी, बरठीं में 60, शिमला में 57.7 मिमी और कुफरी में 69 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
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