हिमाचल के DGP संजय कुंडू और ऊना के DC राघव शर्मा को वर्ष 2022 के लिए देश के टॉप-22 ब्यूरोक्रेट में शामिल किया गया है। बेहतरीन कार्य करने वाले इन नौकरशाह को ब्यूरोक्रेट इंडिया संस्था ने समाज में बदलाव लाने वाले चेंज एजेंट ऑफ-2022 पुरस्कार के लिए चयनित किया। इन्हें जल्द ही इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
DGP संजय कुंडू को पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने, बेहतर पुलिसिंग के साथ-साथ प्रशासनिक सेवाओं की वजह से चुना गया है। उन्होंने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के प्रसिद्ध ब्रोकन विंडो थ्योरी मॉडल का अनुसरण करते हुए पुलिसिंग में व्यापक सुधार किए।
कुंडू ने न्यूयॉर्क पुलिस की कार्यशैली व तकनीक पर काम करते हुए हिमाचल में आपराधिक मामले सुलझाने और बाहरी राज्यों से नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में भी सराहनीय कार्य किया।
प्रदेश में लगाए गए 50 हजार CCTV कैमरा
संजय कुंडू के कार्यकाल में लगभग 50,000 CCTV कैमरे लगाए गए। इसी तरह राज्य में अपराध की जांच के लिए एविडेंस बेस्ड एंड प्रिडिक्टिव पुलिसिंग का मॉडल भी शुरू किया। इस पहल के बाद अपराध दर में 30% तक की कमी दर्ज की गई है।
पूर्व CM के रह चुके प्रिंसिपल सेक्रेटरी
वह पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव और PWD का काम तथा केंद्र में जल संसाधन विभाग में संयुक्त सचिव का काम भी देख चुके हैं। संजय कुंडू यूनाइटेड नेशनल के तहत सूडान में उप पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम कर चुके हैं।
राघव शर्मा ने ऊना जिले में दिखाई अपनी जबरदस्त प्रशासनिक क्षमता
हिमाचल काडर के 2013 बैच के IAS राघव शर्मा अपनी प्रशासनिक क्षमता से सामाजिक ढांचे में सुधार के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने DC ऊना रहते हुए महिलाओं, बच्चों, खासकर प्रवासी बच्चों के जीवन में सुधार व पढ़ाई के लिए कई कदम उठाए।
उपमंडल स्तर पर खोले पुस्तकालय
राघव शर्मा ने हर उप-मंडल स्तर पर आधा दर्जन पुस्तकालयों का निर्माण कराया, ताकि बच्चे UPSC व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए बने गैर-आवासीय प्रशिक्षण स्कूलों को भी बदल दिया। पिछले साल कुल 3 प्रशिक्षण स्कूल बनाए गए। इन केंद्रों से पहले छात्र खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करते थे। अब इन्हें खूबसूरत संस्थान में तब्दील कर दिया गया है।
उनका लक्ष्य 10 और केंद्र बनाने का है।
अब फसल विविधीकरण करना मकसद
राघव शर्मा अब फसल विविधीकरण सुनिश्चित करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देना चाह रहे हैं। उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती और इसके लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए 2021 में प्रगतिशील किसानों के लिए एक कार्यशाला शुरू की। जिला प्रशासन ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को मनरेगा के तहत एक गतिविधि के रूप में जोड़ा।
2023 में ऊना विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागवानी विकास कार्यक्रम के तहत ड्रैगन फ्रूट प्रोसेसिंग फैक्ट्री के लिए चुना जाने वाला पहला जिला बन गया।
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