नेशनल हाइवे 205 पर बैली पुल के बन जाने के बाद शिमला जिला डिजास्टर मैनेजमेंट ने हाइवे को खोले जाने को लेकर अधिसूचना जारी की दी है। जिसमें पुल से वाहनों के गुजरने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। शाम पांच बजे के बाद वाहनों के लिए शुरू हुए पुल पर से 5 घटों के भीतर ही 8 हजार से ज्यादा वाहन गुजरें। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नेशनल हाइवे 205 के बहाल होने का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हालांकि इस पुल के ऊपर से ट्रक व ट्राले नहीं निकलेंगे। इनके लिए वैकल्पिक रूट भी तय कर दिए गए हैं। ऐसे में जब अब जब तक नेशनल हाइवे-205 पूरी तरह से बन कर तैयार नहीं हो जाता, तब तक ट्रक इन्ही वैकल्पिक रूट से होकर जाएंगे।मंगलवार शाम 5:00 बजे के बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। एक महीने बाद लोगों ने राहत की सांस ली। इस पुल की बाहर क्षमता 20 टन रखी गई है। आदेशों में कहा गया है कि इस पुल पर से ट्रक और ट्राले नहीं गुजरेंगे। इसके अलावा अन्य 20 टन तक बाहर वाले वाहन निकल सकेंगे। पुल पर से वाहन चलाने की गति सीमा भी 10 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होगी। ट्रकों और ट्रालों के लिए प्रशासन की ओर से वैकल्पिक मार्ग तय किया गया है। अभी नेशनल हाईवे अथॉरिटी बैली पुल के साथ हाईवे को जोड़ने के लिए पक्की दीवार बनाएगी, ताकि बारिश के समय यह दोबारा ना ढह जाए।
यह रूट रहेगा ट्रक और ट्रालों के लिए अगर ट्रक वालों को शिमला आना है तो उन्हें बंगोरा नेशनल हाईवे 205 से टर्न लेकर कालीहट्टी, नालहट्टी, हरि देवी होकर घणाहट्टी पहुंचना होगा। इसी तरह शिमला से लोअर हिमाचल जाने के लिए घणाहट्टी से रूगरा, कोहबाग, शालाघाट, ग्लोग पहुंचना होगा। भारी वाहनों के चलने के कारण पुल के बैठ जाने का खतरा है इसी वजह से जब तक नेशनल हाइवे बन नहीं जाता तब तक भारी वाहन बैली पुल पर से नहीं निकल सकेंगे। देर रात को पुल पर वाहनों के गुजरने का सिलसिला जारी रहा।
बसें भी गुजरेगी इसी पुल से होकर
शिमला से लोअर हिमाचल और अन्य लोकल रूटों पर चलने वाली प्राइवेट और निजी बसें भी इसी पुल से होकर गुजरेंगी। ऐसे में अब लोगों को 20 से 25 किलोमीटर अतिरिक्त सफर नहीं करना पड़ेगा। समय पर कार्यालय और घर पहुंच सकेंगे। एक तरफा वाहनों की आवाजाही होने के चलते कुछ समय के लिए यहां पर जाम से भी परेशान होना पड़ेगा।
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