लगातार बढ़ रही मंहगाई को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) कमेटी रामपुर बाजार में जोरदार प्रदर्शन किया। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और अन्य खाद्य सामग्र्री के दामों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं केंद्र सरकार पर उदारवादी नीतियों समेत पूंजीपति दोस्तों को लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया। माकपा लोकल कमेटी सचिव कुलदीप सिंह, दिनेश मेहता, रणजीत ठाकुर, प्रेम चौहान, रमन शर्मा, राहुल और बिहारी सेवगी ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश के अंदर नव उदारवादी नीतियों को तेजी से लागू करके अपने पूंजीपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक संपत्तियों को कौड़ियों के भाव बेच रही है। साथ ही देश की उत्पादन करने वाली शक्तियों किसान, मजदूर व खेत मजदूर पूंजीपतियों के मुनाफे में बाधा उत्पन्न न करे व पूंजीपतियों के लिए खुली छूट व लूट का रास्ता रहे, इसलिए बाधा को दूर करने के लिए 3 काले किसान विरोधी कानून, 4 मजदूर विरोधी श्रम कोड व बिजली बिल 2020 को कानून को लाया गया है। जहां एक तरफ कोरोना महामारी के चलते देश की जनता परेशानियों का सामना कर रही है और इन परिस्थिति में सरकार को आम जनता के दुखों को कम करने के बजाय पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाकर आम जनता पर मंहगाई का बोझ डाला जा रहा है।
खाना पकाने का तेज भी 250 रुपए से ज्यादा महंगा
पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से परिवहन की उच्च लागत होने के कारण सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। खाना पकाने का तेल 250 रुपए से अधिक हो गया है। फल, सब्जियां के दाम अत्यधिक बढ़ गए हैं और आम जनता के पंहुच से दूर हो रहे हैं। इस साल के 9 महीनों में रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में 205 रुपए की वृद्धि हुई है। माकपा ने केंद्र सरकार से पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क तुरंत वापस लेने, मंहगाई पर तुरंत रोक लगाने, मनरेगा वर्कर को 700 रुपए, दिहाड़ी व 200 दिन का रोजगार देने सहित अन्य मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है। इस मौके पर अमित, दयाल, ललिता, मंजू, मनिता, योगेंद्र, ललित और रजनी सहित अन्य मौजूद रहे।
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