राजधानी शिमला के रामपुर में एक दुराचारी को 20 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई गई है। 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। दोषी की पहचान सुनील पुत्र तुल बहादुर निवासी गांव आरजेड 126 गली 12 डाबली दक्षिण पश्चिम दिल्ली के रूप में हुई है। उस पर नाबालिग लड़की को भगाने ओर बलात्कार करने के आरोप सिद्ध हुए हैं।
जानकारी देते हुए उप-जिला न्यायवादी कमल चन्देल ने बताया कि वर्ष 2020 का मामला है। पीड़िता 9 कक्षा में पढ़ रही थी। 20 सितंबर 2020 को पीड़िता दूध देने डेयरी फार्म गई थी, लेकिन वह वापस घर नहीं आई। पीड़िता के पिता ने उसकी तलाश की, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। पिता ने मामले की सूचना पुलिस थाना में दी।
पीड़िता ने पुलिस को सुनाई आपबीती
कमल ने बताया कि पिता का फोन, जिसे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पीड़िता प्रयोग करती थी, की जांच करने पर पता चला कि पीड़िता की बात आरोपी के साथ होती थी। आरोपी ने भी पीड़िता को एक फोन दिया हुआ था। उस फोन की लोकेशन दिल्ली आ रही थी तो उसके परिवार वालों से बात की गई। उन्होंने बताया कि वह लड़की को लेकर वापस शिमला आ रहे हैं।
कमल के अनुसार, पुलिस की टीम व पिता भी दिल्ली के लिए रवाना हुए, जो पीड़िता व आरोपी के परिवार से मिले। इस दौरान पीड़िता ने जाहिर किया कि आरोपी अपने रिश्तेदार के घर आया था, जहां पर उनकी बातचीत हुई। आरोपी ने उसे मोबाइल फोन दे रखा था तथा 20 सितंबर को उसे अपने साथ मोटर साइकिल पर दिल्ली ले गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया।
कोर्ट में 20 गवाह पेश हुए
आरोपों को सिद्ध करने के लिए कुल 20 गवाह अदालत में पेश किए और सभी आरोपों को सिद्ध करने में कामयाब रहे। पीड़िता जिसकी उम्र 14 वर्ष थी, को भगाने व बलात्कार करने का जुर्म साबित होने पर 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई।
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