हिमाचल में महात्मा का मंदिर:70 साल पुराने मंदिर में बापू की शहादत वाले दिन से 3 दिवसीय मेला, 20 से ज्यादा गांव के लोग आते हैं

पांवटा साहिब4 महीने पहले
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हिमाचल में मंदिर बना है। करीब 70 साल पुराने इस मंदिर में हर साल बापू के शहादत दिवस, यानि 30 जनवरी से मेला शुरू होता है जो 3 दिन चलता है। कोरोना महामारी की वजह से 2021 और 2022 में यह मेला नहीं लग पाया, लेकिन इस साल सोमवार को मेला लगा है। सोमवार सुबह इस मेले की शुरुआत प्रभात फेरी के साथ हुई।

सिरमौर में पांवटा साहिब के भोज एरिया के अंबोया गांव में यह मंदिर 1952 में बनाया गया था। 7 दशक से हर साल राष्ट्रपिता की याद में यहां 3 दिवसीय मेला लगता है। यहां के गांधी मंदिर में हजारों लोग माथा टेकने आते हैं। इस मेले की वजह से 3 दिन इलाके में खूब रौनक रहती है।

मेले में लगे स्टॉल और उमड़ा जनसैलाब
मेले में लगे स्टॉल और उमड़ा जनसैलाब

20 से ज्यादा गांवों के लोग आते हैं
3 दिन चलने वाले मेले में राजपुर, टौरू, नघेता, बनौर, शिवा, भरली, भैला, रामनगर, क्लाथा, भंगानी, डांडा, पागर और सुनोग आदि आंजभोज क्षेत्र के 20 गांवों के अलावा पांवटा साहिब उपमंडल और जिला सिरमौर के अलावा पड़ोसी राज्यों से लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचते हैं।

अंबोया और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोग 30 जनवरी को एकत्रित होकर प्रभात फेरी निकालते हैं। इस मेले का समापन एक फरवरी को कुश्ती प्रतियोगिता के साथ होता है। मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा देशभक्ति के ओत प्रोत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

अंबोया गांव में बने महात्मा गांधी के मंदिर का प्रवेश द्वार।
अंबोया गांव में बने महात्मा गांधी के मंदिर का प्रवेश द्वार।

पंचायत के पूर्व प्रधान निशिकांत मेहता ने कहा कि मेला महात्मा गांधी की शहादत को याद करने के लिए मनाया जाता है। महात्मा गांधी ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनकी याद में 1952 में मंदिर में बनाया गया और यहां हर साल मेला लगता। उत्तर भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एकमात्र मंदिर अंबोया में ही है।

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