हिंदी-अंग्रेजी लेखन हो, व्यंग्य लेख, किताबें, कहानियां हों या पत्रकारिता क्षेत्र के अलावा सामान्य संवाद कला। इन सबमें अपनी विशेष पहचान रखने वाले सदी के महान लेखक खुशवंत सिंह को कौन नहीं जानता। अपनी जिंदादिली के चलते दुनियां से जाने के बाद भी वह हिमाचल की पर्यटन नगरी कसौली के दिल में हमेशा जिंदा हैं।
यही कारण है कि उन्हें कसौली में हमेशा याद रखने के लिए यहां से कालका तक के पुराने पैदल मार्ग का नाम "खुशवंत सिंह ट्रेल" रखा गया। अंग्रेजी शासन के समय से ही मैदानी राज्य हरियाणा के कालका से कसौली छावनी तक आने के लिए 9 किमी का पैदल रास्ता है। खुशवंत सिंह अक्सर इस रास्ते से दूर तक टहला करते थे। कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2016 में इसके रख-रखाव का प्रयास किया गया।
बाद में विभागीय अनदेखी के कारण इसकी हालत खस्ता हो गई। अब यह रास्ता ऊबड़-खाबड़ मार्ग के अलावा कुछ भी नहीं रहा।
पैदल चील के जंगलों की सैर करते थे खुशवंत सिंह
खुशवंत सिंह ने अपने जीवन का आधा समय कसौली में ही व्यतीत किया था। अपने लेखन कार्य से फुर्सत के समय में वे कसौली से कालका तक बने इस पुराने रास्ते से चील के जंगलों की पैदल सैर किया करते थे। यही कारण था कि कसौली में लिटफेस्ट के आयोजकों और स्थानीय लोगों की मांग पर इस रास्ते को सदी के महान लेखक खुशवंत सिंह के लिए समर्पित किया गया था।
कसौली की आबोहवा से खुशवंत को बेहद प्यार था। वह अपने लेखों में कसौली की वादियों की सुंदरता और यहां रहने वाले मित्रों का उल्लेख किया करते थे।
वीरभद्र सिंह ने किया था "खुशवंत सिंह ट्रेल" का नामकरण
14 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने इस मार्ग का नामकरण "खुशवंत सिंह ट्रेल" किया था। उन्होंने इस प्राचीन सड़क की दशा सुधारने के लिए सरकार की ओर से 18 लाख रुपए के बजट की घोषणा करके पुनर्रोत्थान कार्य का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा था कि ये मार्ग सदी के महान लेखक खुशवंत सिंह के नाम से जाना जाएगा।
सदियों पुराने रास्ते की हालत खस्ता
कसौली से कालका के इस सदियों पुराने रास्ते की हालत अब खस्ता हो गई है। इस कारण कसौली भ्रमण पर आने वाले बाहरी लोगों सहित स्थानीय राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग से स्कूल के बच्चे और ग्रामीण लोग अपने काम-काज से आते-जाते हैं। सड़क की खस्ताहालत के कारण सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कसौली शहर से होकर यह मार्ग मशोबरा गांव, नाहरी पंचायत व जंगेशु पंचायत के कई गांवों को कनेक्ट करता है।
कसौली में होता है खुशवंत सिंह लिटफेस्ट
खुशवंत सिंह ने अपने जीवन की महान रचनाएं सोलन जिला की इसी सेलिब्रिटी हिल कसौली में लिखीं। उन्होंने अपने जीवन का बहुत सा समय कसौली में अपनी कोठी में बिताया। यहीं पर वह अपने लेखन का अधिकतर कार्य करते थे। इसी के चलते उनके बेटे राहुल सिंह ने अपने पिता के नाम पर प्रतिष्ठित कसौली क्लब में खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन शुरू करवाया।
यह आज भी होता है और इसमें देश-विदेश के लेखकों सहित फिल्मी व साहित्य जगत की महान हस्तियां और सेलेब्रिटीज शामिल होते हैं।
MLA से उठाई ट्रेल की हालत सुधारने की मांग
"खुशवंत सिंह ट्रेल" को दुरुस्त करने और इसके रख-रखाव के लिए कसौली के लोगों ने नव-निर्वाचित विधायक विनोद सुल्तानपुरी को पत्र लिखकर समाधान करने की मांग उठाई है। कसौली छावनी के पूर्व पार्षद कृष्णामूर्ति अग्रवाल ने कहा कि PWD सड़क की दशा सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा। इसलिए स्थानीय जनता को उम्मीद है कि विधायक मामले में हस्तक्षेप करके विभाग को उचित दिशा-निर्देश देंगे।
यहां के लोगों ने उनके समक्ष मांग रखी है कि खुशवंत सिंह के इस पुराने रास्ते को ठीक करवाया जाए।
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