हिमाचल के सोलन स्थित औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में नकली दवाइयां बनाने वाले उद्योगों का लगातार खुलासा हो रहा है। दो माह के भीतर ड्रग विभाग तीन नकली दवा बनाने वाले उद्योगों को पकड़ चुका है। बीते दिनों ड्रग विभाग ने बद्दी में अवैध रूप से चल रहे फार्मा यूनिट व गोदाम को पकड़ा था। जिसमें लाखों की संख्या में अवैध दवाइयां बरामद की गईं। जिसमें बुखार, दर्द, हार्ट, लीवर व कैल्शियम जैसी दवाएं शामिल हैं।
ये दवाइयां बिना मानकों तैयार की जा रही थीं। ताकि किसी को भनक तक न पड़े। ऐसे में इन दवाओं का सेवन करने से किसी की भी जान को खतरा हो सकता है।
ड्रग विभाग ने सितंबर में बद्दी के धर्मपुर में फूड लाइसेंस की आड़ में अवैध रूप से दवा बनाने वाली यूनिट को पकड़ा था। जिसके बाद 23 सितंबर को गांव थाना में भी नकली दवा बनाने वाले उद्योग का खुलासा हुआ था। इन उद्योगों में कई जरूरी दवाएं बनाई जाती थीं जो कि ज्यादातर इस्तेमाल होती हैं।
नकली दवाओं में मॉलीक्यूल की मात्रा का नहीं रहता माप
BMO नालागढ़ डॉ. दीक्षित का कहना है कि अवैध रूप से बनाई जा रही दवाओं में क्या मॉलीक्यूल और किस स्तर का मिलाया गया है। इसका पता नहीं होता है। जिसके चलते दवाओं का सेवन करने से लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सोलन CMO डॉ. राजन उप्पल ने बताया कि नकली दवा में अगर मॉलीक्यूल की मात्रा ज्यादा डल जाए या ऐसा कोई पदार्थ जो खतरनाक हो, उससे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
इंजेक्शन से होता है ज्यादा खतरा
उन्होंने कहा कि ज्यादा खतरा इंजेक्शन में होता है, क्योंकि इंजेक्शन की दवा बनाने में काफी सफाई व अन्य चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। वह जल्दी रिएक्शन करता है। उप्पल ने कहा कि जिसका असली खुलासा दवाओं की जांच के बाद होता है कि उसमें क्या व कितनी मात्रा में मॉलीक्यूल डालकर नकली दवा बनाई गई थी।
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