हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के 8 पूर्व प्रदेशाध्यक्षों की साख भी दांव पर है। इसमें 4 भाजपा तो 4 कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रधान रहे हैं। इसमें से 4 नेता खुद को मुख्यमंत्री बनने की रेस में साबित करने पर तुले हैं।
विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके नेता भी वोटरों के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के 10 पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मैदान में थे और उनमें से 5 अपनी सीट जीत नहीं पाए थे। इस बार इन आठ नेताओं में से कितने अपनी सीट जीत पाते हैं, इस पर सभी की नजरें लगी है।
BJP से यह चार पूर्व अध्यक्ष मैदान में
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले की सराज सीट से उम्मीदवार हैं। वह हिमाचल भाजपा इकाई के अध्यक्ष रहे हैं। पार्टी इस बार उन्हें फिर से सीएम चेहरा बनाकर मैदान में उतरी है। उनके अलावा BJP के पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ऊना सीट से चुनावी समर में हैं तो पूर्व अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज इस बार शिमला शहरी सीट की जगह कसुम्पटी से मैदान में उतारे गए हैं। डॉ. राजीव बिंदल सिरमौर जिले की नाहन सीट से उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस से यह 4 दिग्गज
कांग्रेस की बात की जाए तो हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर इस बार भी मंडी की द्रंग सीट से पार्टी कैंडिडेट हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर की नादौन और कुलदीप राठौर शिमला जिले के ठियोग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। किसी समय हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष रहे खीमीराम शर्मा इस बार पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने उन्हें कुल्लू जिले की बंजार सीट से टिकट दिया है।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उस समय हिमाचल भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे प्रेम कुमार धूमल, महेश्वर सिंह, सतपाल सिंह सत्ती हार गए थे। कांग्रेस में भी कौल सिंह ठाकुर और कुलदीप कुमार जीत नहीं पाए थे।
दोनों पार्टियों के मौजूदा अध्यक्ष नहीं लड़ रहे चुनाव
कांग्रेस और भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष इस बार विधानसभा चुनाव में नहीं उतरे। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज लोकसभा के सांसद हैं। पार्टी ने दोनों को ही इस बार टिकट नहीं दिया।
ये CM की दौड़ में शामिल
इस बार चुनाव लड़ रहे पूर्व अध्यक्षों की बात करें तो भाजपा की ओर से जयराम ठाकुर ही फिलहाल CM की दौड़ में हैं। दूसरी ओर से कांग्रेस की ओर से सुखविंदर सिंह सुक्खू और कौल सिंह ठाकुर खुद को सीएम पद का दावेदार बताते रहे हैं। कुलदीप राठौर भी खुद को पीछे नहीं देखते।
दूसरी ओर कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव तो नहीं लड़ा मगर वीरभद्र सिंह के समर्थक उन्हें ही सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं।
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