हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुए मतदान के बूथ वाइज आंकड़े सामने आए हैं। सोलन शहरी क्षेत्र के मतदान के यह आंकड़े अनुमान से बिल्कुल उलट हैं। माना जा रहा था कि यहां पर OPS और सस्ता पानी न देने के मुद्दों के कारण इस बार ज्यादा मतदान होगा, लेकिन इसके विपरीत सोलन शहर के 32 बूथों पर सिर्फ 58.65 फीसदी मतदान हुआ।
इस विधानसभा क्षेत्र का कुल मतदान 66.84 फीसदी रहा है। शहर के वार्ड नंबर-3 के गुरुकुल स्कूल साउथ पोलिंग बूथ पर सबसे कम 31.61 फीसदी वोटर्स ने वोट कास्ट किया। शहर के इन 32 बूथों में से एक पर ही इस सीट पर हुए औसत मतदान से ज्यादा वोटिंग हुई है। जिला पशु पालन विभाग ऑफिस के बूथ पर 69.41 फीसदी वोटिंग हुई।
इन आंकड़ों से लग रहा है कि राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव में उठाए जा रहे मुद्दों का असर वोटिंग में नहीं दिख रहा। इस चुनाव में कांग्रेस ने शहर में OPS मु्द्दा ज्यादा उठाया। ऐसा इसलिए, क्योंकि जिले के सबसे ज्यादा कर्मचारी सोलन शहर में हैं। इसी तरह भाजपा ने शहर में कांग्रेस के कब्जे वाली नगर निगम को सस्ता पानी न देने को लेकर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
पार्टी को उम्मीद थी कि इस मसले पर लोग बड़ी संख्या में वोट करने आएंगे, लेकिन ऐसा वोटिंग पर्सेंटेज से नहीं दिख रहा। हालांकि इन आंकड़ों से यह कहना मुश्किल है कि आखिर किस कैटेगरी का वोटर वोट करने आया है। ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ता आम मतदाता को घर से निकालने में सफल नहीं हुए।
प्रशासन की ओर से भी वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। इसके साथ ही कांग्रेस-भाजपा के साथ इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में थी। इसके बावजूद लोगों का वोट करने के लिए नहीं निकलने के क्या मायने हैं, इसका पता रिजल्ट आने पर ही लगेगा।
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