मशहूर लेखक सलमान रुश्दी का सोलन स्थित बंगला इन दिनों विवादों में है। सलमान रुश्दी का ये बंगला 'अनीस विला' सोलन शहर में फॉरेस्ट रोड पर है और रुश्दी 20 साल से यहां नहीं आए। अब इस बंगले पर कब्जे को लेकर केयरटेकर गोविंद राम और राजेश त्रिपाठी नामक शख्स आमने सामने हैं। मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।
राजेश त्रिपाठी ने बंगले के केयरटेकर गोविंद पर तोड़फोड़ का केस दर्ज करवाया है। त्रिपाठी का दावा है कि वह इस बगले की देखभाल करते हैं। दूसरी ओर केयरटेकर गोविंद राम का दावा है कि वह 25 साल से इस प्रॉपर्टी की देखभाल कर रहे हैं। सलमान रुश्दी और उनके दोस्त विजयशंकर ने उन्हें प्रॉपर्टी की देखभाल का जिम्मा दिया था। गोविंद राम की ओर से उनके वकील का कहना है कि मामला कोर्ट में है और अदालत इसमें स्टे ऑर्डर दे चुकी है।
असली मालिक को हैंडओवर करुंगा प्रॉपर्टी
केयरटेकर गोविंद का दावा है कि 25 साल पहले सलमान रुश्दी और उनके दोस्त विजयशंकर ने उन्हें प्रॉपर्टी की देखभाल के बदले में सैलरी और अन्य खर्चा देने की बात की थी। वर्ष 2012 तक सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन उसके बाद सैलरी कभी-कभार आने लगी। वर्ष 2018 के बाद एक बार भी सैलरी नहीं आई। अब राजेश त्रिपाठी उसे यहां से निकालना चाहते हैं।
गोविंद ने कहा कि वे यह प्रॉपर्टी सिर्फ इसके असली मालिक सलमान रुश्दी को ही हैंड ओवर करेंगे। गोविंद के वकील विक्रांत चौहान ने कहा कि 8 अक्टूबर को ही कुछ लोग यहां आए और गोविंद का सामान बाहर फेंकने लगे। इस पर कोर्ट में याचिका दायर की गई जिस पर कोर्ट ने स्टे दे दिया। राजेश त्रिपाठी इस आदेश को नहीं मान रहे इसलिए वह कोर्ट आदेश की अवहेलना का केस करेंगे।
गोविंद राम ने गैर कानूनी तरीके से किया प्रवेश
दूसरी ओर राजेश त्रिपाठी का दावा है कि सलमान रश्दी की प्रॉपर्टी की देखभाल करता है। 23 नवंबर, 2022 को वह इस बंगले में रानी शंकर दास और उनके बेटे अनिरुद्ध शंकरदास के साथ मौजूद थे। अनिरुद्ध शंकरदास सलमान रुश्दी के पारिवारिक मित्र हैं। उसी समय गोविंद राम, उनके बेटे व अन्य लोगों ने प्रॉपर्टी में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश किया। इन लोगों ने 2 दरवाजों के ताले, कमरे की चिटकनी व शीशा हथौड़े से तोड़ दिए।
राजेश त्रिपाठी के अनुसार, जब गोविंद राम और उसके साथियों को रोकने की कोशिश की गई तो उन्होंने धमकाते हुए गालियां निकालीं और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उन्हें पुलिस में केस कराना पड़ा।
ASP बोले- जांच जारी
इस मामले में सोलन के ASP अजय कुमार राणा ने कहा कि सदर थाने में अनीस विला में कुछ लोगों के तोड़फोड़ करने की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच चल रही है।
1927 में हुआ अनीस विला का निर्माण
अनीस विला का निर्माण वर्ष 1927 में किया गया जिसे बाद में रुश्दी के दादा ने खरीदा। इस बंगले के दस्तावेज अनीस अहमद के नाम होने के कारण सरकार ने वर्ष 1953 से 1969 तक इस संपत्ति को यह कहते हुए बेनामी घोषित कर दिया कि इसके मालिक पाकिस्तान चले गए हैं। इसके बाद इस भवन पर कभी हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग तो कभी सरकारी अफसरों का कब्जा रहा।
कानूनी लड़ाई के बाद हासिल किया था बंगला
वर्ष 1992 में सलमान रुश्दी ने इस भवन पर अपना दावा किया। तकरीबन 5 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद सलमान रुश्दी ने 2,934 वर्गमीटर में बने अनीस विला को वर्ष 1997 में हासिल कर लिया। आज ये भवन बेशक जर्जर हालत में हो, लेकिन इसकी कीमत करोड़ों में है।
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