सोलन में किसान-मजदूरों का हल्ला बोल:माल रोड पर विरोध प्रदर्शन, रैली निकाली, नारे भी लगाए; बोले- श्रम कानूनों को लागू किया जाए

सोलन3 महीने पहले
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सोलन में विरोध प्रदर्शन करने निकले किसान और मजदूर। - Dainik Bhaskar
सोलन में विरोध प्रदर्शन करने निकले किसान और मजदूर।

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बुधवार को CITU (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स) व हिमाचल किसान सभा ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर हल्ला बोला। कार्यकर्ताओं ने चिल्ड्रन पार्क में प्रदर्शन किया और माल रोड होते हुए ओल्ड बस स्टेंड तक रैली निकाली।

इस दौरान किसानों व मजदूरों ने सरकार के खिलाफ और अपनी मांगों के पक्ष में जमकर नारेबाजी की। यह प्रदर्शन और रैलियां 5 अप्रैल को दिल्ली में होने वाली किसान-मजदूरों की संघर्ष रैली की तैयारी के तौर पर की जा रही हैं। प्रदर्शन के दौरान CITU जिला अध्यक्ष मोहित वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को निरस्त कर 4 श्रम संहिता में बदलकर मजदूर वर्ग पर तीखा हमला किया है।

मोहित वर्मा ने कहा कि उद्योगपतियों को शोषण करने का खुला अधिकार दे दिया है। CITU मांग करती है कि 40 श्रम कानून को बहाल किया जाए। इसके लिए पूरे देश में संगठन आंदोलनरत है। दूसरी मांग है कि स्कीम भरकर को स्थायी कर्मचारी घोषित किया जाएं। मिड डे मील, आंगनवाड़ी, आशा वर्कर जैसी परियोजनाओं में बजट की बढ़ोतरी की जाए।

न्यूनतम वेतन भी देने की मांग
संगठन की मांग है कि 10500 रुपए न्यूनतम वेतन सभी स्कीम वर्करों को दिया जाए। मनरेगा में कम से कम 350 रुपए मजदूरी व 200 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जाए। मनरेगा के बजट में कटौती को बंद किया जाएगा । मनरेगा में अतिरिक्त बजट बढ़ाया जाए। हिमाचल प्रदेश कामगार बोर्ड द्वारा मिलने वाले लाभों को लंबे समय से रोका गया है, जिसे तुरंत बहाल किया जाए। कल्याण बोर्ड में सभी तरह के निर्माण मजदूरों का पंजीकरण किया जाए।

सोलन में प्रोसेसिंग यूनिट लगे
हिमाचल किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्यारेलाल वर्मा ने कहा कि किसानों का मुख्य मुद्दा है कि स्वामीनाथन कमीशन के आधार पर सभी तरह की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया। सोलन में टमाटर पर आधारित प्रोसेसिंग उद्योग लगाया जाए। 5 अप्रैल को दिल्ली में हो रही संघर्ष रैली में हिमाचल के किसान भी शामिल होंगे।

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