• Hindi News
  • Local
  • Himachal
  • Solan
  • The Assembly Elections Results Will Tell The Effect Of The Rift Between The Congress Councilors In The Municipal Corporation Solan

सोलन MC में कांग्रेस पार्षदों में फूट का असर:8 दिसंबर को विस चुनाव नतीजे बताएंगे डैमेज कंट्रोल हुआ या नुकसान, मेयर-डिप्टी मेयर के खिलाफ थे

सोलन7 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

हिमाचल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सोलन नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों में फूट पड़ गई थी। इसका विधानसभा चुनाव पर कितना असर रहा, यह 8 दिसंबर को आने वाले नतीजे बताएंगे। कांग्रेस इसका डैमेज कंट्रोल करने में सफल रही या फिर भाजपा ने इसका लाभ उठाया, इस पर लोगों की नजर रहेगी।

विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता से सिर्फ 2 दिन पहले नगर निगम के 4 कांग्रेस पार्षदों ने भाजपा के 7 पार्षदों के साथ मिलकर अपनी ही पार्टी के मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। हालांकि बाद में एक्ट के प्रावधान पूरे न कर पाने की वजह से प्रशासन ने इस बारे में दिया नोटिस वापस ले लिया, जिससे यह मुहिम सिरे नहीं चढ़ पाई, लेकिन कांग्रेस पार्षदों में फूट जरूर पड़ गई।

यह था मामला
नगर निगम सोलन में पदों को लेकर खींचतान के कारण कांग्रेस पार्षद 2 फाड़ हो गए थे। अपने ही पार्टी के मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलने से विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी। यहां तक कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी तक यह मामला पहुंचा। उन्होंने दोनों गुटों में एका करने की कोशिश की। वार्ड नंबर-4 की पार्षद संगीता, 7 से पार्षद पूजा, 10 नंबर वार्ड की पार्षद ईशा और 17 नंबर वार्ड के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर ने मेयर और डिप्टी मेयर से नाराजगी जताई थी।

पहले से चल रही थी खींचतान
दरअसल सोलन नगर निगम के चुनाव के समय कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद आपस में पदों को लेकर समझौता किया गया था। यह समझौता पार्टी के बड़े नेताओं के सामने हुआ। इसमें तय किया गया था कि नगर निगम के डिप्टी मेयर पद पर 5 साल के अंदर कांग्रेस के 3 पार्षदों को मौका दिया जाएगा।

उस समय 14 नंबर वार्ड से पार्षद बने राजीव कुमार कौड़ा को कांग्रेस ने अपनी ओर से डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया। फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस को जीत भी मिली और राजीव कौड़ा डिप्टी मेयर भी बन गए। 15 माह का समय बीतने के बाद दूसरे दावेदारों के दबाव पर राजीव ने पार्टी स्तर पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दूसरे दावेदार को पद देने को लेकर सहमति नहीं बन पाई। जो कांग्रेस पार्षदों में फूट का कारण बनी।

सोलन विधानसभा चुनाव में इन 3 प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर।
सोलन विधानसभा चुनाव में इन 3 प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर।

चुनाव में चले साथ
कांग्रेस में हुए इस घटनाक्रम के बावजूद विधानसभा चुनाव प्रचार में दोनों गुट पार्टी के साथ रहे। अब भाजपा इस फूट का लाभ ले सकी या नहीं, यह तो नतीजे ही बताएंगे, लेकिन कांग्रेस पार्षद अपने वार्ड से पार्टी उम्मीदवार को लीड दिलाने में सक्रिय रहे, ताकि उन पर अंगुली न उठ सके।

कांग्रेस-भाजपा में कांटे की टक्कर
सोलन सीट पर कांग्रेस के कर्नल धनीराम शांडिल और भाजपा के डॉ. राजेश कश्यप के बीच चुनावी मुकाबला कांटे का माना जा रहा है। शहर में कांग्रेस को OPS तो भाजपा को सस्ता पानी न दे पाने और कांग्रेसियों में पड़ी फूट से उम्मीद है।

खबरें और भी हैं...