हिमाचल के ऊना स्थित चिंतपूर्णी विधायक सुदर्शन सिंह बबलू ने विधानसभा में क्षेत्र के किसानों से जुड़े मुद्दों की पैरवी की है। कहा कि जिले में अधिकांश लोग खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं। क्षेत्र में हर साल हजारों टन आलू की पैदावार होती है, लेकिन किसान अपनी फसल को बिचौलियों के हाथ बेचने को मजबूर होते हैं। चिंतपूर्णी क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया जाए, ताकि किसान अपनी फसल को घर द्वार पर बेच पाएं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र का मौसम ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए भी अनुकूल है। अगर इसकी खेती के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करे तो उनकी आर्थिकी सदृढ़ हो सकती है।
बजट को बताया सरकार का नीतिगत दस्तावेज
चिंतपूर्णी विधायक सुदर्शन सिंह बबलू ने विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा में भाग लिया। बजट को प्रदेश सरकार का नीतिगत दस्तावेज करार देते हुए इसे सराहनीय बताया। उन्होंने कोरोना महामारी काल में पूर्व सरकार पर लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार लोगों का सहारा बनने की बजाय उन पर केस दर्ज करने में लगी रही।
व्यवस्था परिवर्तन की बजट में साफ दिखाई दी झलक
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा उन सभी मामलों को रद्द करने पर उनका आभार भी जताया। विधायक सुदर्शन सिंह बबलू ने बजट पर चर्चा करते हुए इसे प्रदेश हित में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आई है। जिसकी इस बजट में साफ झलक दिखाई देती है। हिमाचल प्रदेश हरित राज्य की ओर अग्रसर हो रहा है।
चिंतपूर्णी क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं
चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में भी पर्यटन की अपार संभानाएं हैं। सरकार अगर और प्रयास करे तो चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में देश भर में अपनी अलग पहचान बना सकता है। क्षेत्र में विभिन्न धार्मिक स्थल विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। इन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार सुविधाओं में इजाफा करे।
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