हिमाचल के ऊना स्थित अंब में वाहनों के पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर प्रदेश सरकार को 1 लाख 19 हजार 715 रुपए की चपत लगाई है। इस मामले में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ऊना ने 4 वाहन मालिकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपियों में मनिंदर सिंह निवासी चलेट, रियाज मुहम्मद निवासी अलोह, गुरशाल सिंह निवासी बडोह और राजिंद्र सिंह निवासी कलोह शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार अजय शर्मा पुत्र अमरजीत निवासी कटोहड़ खुर्द (अंब) ने विजिलेंस थाना ऊना को रीजनल लाइसेंस ऑथरिटी (RLA) अंब के कर्मचारियों की जांच के लिए शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने कर्मचारी-अधिकारियों और अन्य लोगों की कथित मिलीभगत से पुराने व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण और लाइसेंस के मेडिकल सर्टिफिकेट में फर्जी दस्तावेज लगाकर राजस्व का नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए थे।
2015 से 20 तक का खंगाला रिकॉर्ड
शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने RLA अंब से पुराने व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण का 2015 से 2020 तक का रिकॉर्ड लिया। जांच में पाया गया कि पुराने वाहनों के लिए जरूरी पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स सर्टिफिकेट RL से संबंधित न होकर एक्साइज डिपार्टमेंट से संबंधित हैं। इस टैक्स का भुगतान RLA अंब में जमा नहीं किया जाता है।
4 वाहनों के पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स मिले फर्जी
इसके बाद विभाग ने स्टेट टैक्स एंड एक्साइज ऑफिस अंब से प्राप्त रिकॉर्ड के मुताबिक 4 वाहनों के पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स सर्टिफिकेट फर्जी पाए। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि वाहन मालिक ही पैसेंजर एंड गुडंस टैक्स सर्टिफिकेट व अन्य संबंधित दस्तावेज पंजीकरण फाइल के साथ लगाने के लिए जिम्मेदार होता है।
इस तरह 4 वाहन मालिकों द्वारा पुराने वाहनों के पंजीकरण के लिए जाली सर्टिफिकेट लगाकर 1,19, 715 रुपए का राजस्व नुकसान की बात पता चली है। विजिलेंस ऊना DSP धर्म चंद वर्मा ने कहा कि इस संबंध में 4 व्यक्तियों के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत आपराधिक केस रजिस्टर्ड किया गया है। विजिलेंस मामले की जांच कर रही है। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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