हिमाचल के ऊना स्थित उपमंडल अंब से ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए नाम कमा चुके मुस्ताक के फॉर्म का यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कैंपस नेहरी के B.SC हॉर्टिकल्चर के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स ने एक्सपीरियंस लर्निंग प्रोग्राम के तहत भ्रमण किया। स्टूडेंट के साथ डिपार्टमेंट ऑफ फ्रूट साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजय वनियाल व ऊना के बागवानी एवं उद्यान निदेशक अशोक धीमान उपस्थित रहे।
मुस्ताक ने बच्चों को ड्रैगन फ्रूट की पौध को पैदा करने से लेकर फ्रूट लेने तक की विधि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह की खेती की जा सकती है, किस तरह बीमारी से बचा जा सकता है और किस तरह ज्यादा से ज्यादा पैदावार ली जा सकती है के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुस्ताक पिछले 3 साल से इस की खेती में हाथ आजमा रहे हैं।
यूट्यूब से शुरू की खेती
यूट्यूब से शुरू की इस खेती में अब वह पूरी तरह पारंगत हो चुके हैं। मुस्ताक को प्रदेश के हॉर्टिकल्चर विभाग की तरफ से निदेशक अशोक धीमान द्वारा भी काफी उत्साहित किया जा रहा है। उसे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। मुस्ताक का कहना है वह साल में 2 से ढाई लाख रुपए का ड्रैगन फ्रूट बेच रहे हैं।
खेत में 1500 के करीब पौधे
उन्होंने शुरुआत में मात्र 500 पौधे लगाए थे। अब उनके खेत में 1500 के करीब पौधे हैं। इस काम में मुस्ताक का परिवार भी उसकी सहायता कर रहा है। ऊना के बागवानी एवं उद्यान विभाग के निदेशक अशोक धीमान के अनुसार ड्रैगन फ्रूट की खेती प्रदेश के लोअर बेल्ट के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। क्षेत्र की जलवायु ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि इसकी खेती करने के इच्छुक किसानों की वह हर सहायता करने के लिए तैयार हैं। हमीरपुर की नेहरी यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ फ्रूट साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर अजय बनियाल ने अपने इस एक्सपोजर टूअर को पूरी तरह से फ्रूटफुल बताया। कहा कि स्टूडेंट्स ने ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में सीखने में काफी रुचि दिखाई है। उन्होंने काफी दिलचस्पी से मुस्ताक से इसके बारे में जानकारी ली है।
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