हिमाचल के जिला ऊना की विधानसभा सीट जसवां-प्रागपुर में संजय पराशर ने शुक्रवार को चुनावी ताल ठोक दी है। उन्होंने प्रागपुर के BDO आफिस में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र भरने से पहले पराशर ने पीर सलूही के लक्ख दाता मंदिर में शीश नवाया और उसके बाद अपने समर्थकों के साथ कोलापुर, चौली, रक्कड़, कलोहा, बणी, गरली और प्रागपुर के धार्मिक स्थलों में भी उपस्थिति दर्ज करवाई।
नामांकन पत्र भरने के बाद संजय ने प्रागुपर के नक्की ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह विधानसभा चुनाव शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य के मुद्दों पर लड़ने जा रहे हैं। पराशर ने पुरानी पेंशन व्यवस्था का समर्थन करते हुए कहा कि कर्मचारियों के हित के लिए उन्हें भविष्य में संघर्ष का रास्ता भी अपनाना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे।
संजय पराशर ने पेश किया अपना विजन
पराशर ने कहा कि जसवां-प्रागपुर क्षेत्र में मेडीकल कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। क्षेत्र के स्कूलों व कॉलजों में शैक्षणिक ढांचा मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रूपए के बजट के साथ शिक्षण संस्थानों की दिशा व दशा बदलेंगे। संजय ने कहा कि 18 से 25 वर्ष के युवाओं की उच्च शिक्षा को लेकर वह पंचायत स्तर पर एक समिति का गठन करेंगे, ताकि कोई भी युवा आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रह सके। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने में मदद की जाएगी। पराशर ने कहा कि विद्यार्थियों को तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार हासिल करने में मदद मिल सके।
विपक्षी दलों पर लगाए आरोप
संजय ने कहा कि जसवां-प्रागपुर क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के प्रयास न के बराबर हुए। जिनके कंधों पर रोजगार देने का जिम्मा था, वह पिछले 5 वर्षों में उनका इस दिशा में काम शून्य से ज्यादा नहीं रहा। रोजगार के नाम पर युवाओं को छला गया और उनके भविष्य पर बट्टा लग गया।
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