हिमाचल के ऊना स्थित चिंतपूर्णी के साथ लगती देहरा की गंगोट पंचायत के रेही गांव में प्रवासियों की झुग्गियों को खाली करा दिया गया है। साथ ही उनका सामान उनको लौटा दिया गया। इस दौरान गंगोट पंचायत के उपप्रधान सौरव पराशर मौके पर उपस्थित रहे।
बताते चलें कि चिंतपूर्णी क्षेत्र में तुषार गर्ग की हत्या के बाद पुलिस जांच में कुछ प्रवासी घटना में शामिल पाए गए थे। जिसके बाद चिंतपूर्णी क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। प्रवासियों ने यहां से झुग्गियों को खाली कर जाना ही उचित समझा था। कुछ प्रवासी लोग अपना सामान भी नहीं ले जा सके थे। रेही में जहां से प्रवासियों ने सामान हटाया है, वहां पर एक झुग्गी आग लगने से जल भी गई थी। जिसके बाद जमीन मालिकों ने फोन पर प्रवासियों से बातचीत की थी।
साथ ही उन्हें अपना सामान ले जाने के लिए बुलाया था। जिसके बाद प्रवासी रविवार सुबह 11:00 बजे के करीब चिंतपूर्णी पहुंचे। उन्होंने अपनी झुग्गियों के अंदर रखे सामान को इकट्ठा किया और अपने साथ ट्रॉले में डालकर अमृतसर पंजाब ले गए। वहीं, लोगों ने बताया कि वह अपने राज्य पंजाब वापस लौट गए हैं। अब वापस चिंतपूर्णी नहीं आएंगे।
वहीं, गंगोट पंचायत के उपप्रधान सौरव पराशर ने बताया कि रविवार सुबह को उनके और जमीन मालिकों की मौजूदगी में पंजाबी प्रवासियों द्वारा झुग्गियों के अंदर रखे हुए सामान को लौटा दिया गया। इन लोगों द्वारा इस क्षेत्र में रहने पर इंकार करने के बाद इनका सामान वापस ले जाने के लिए कहा गया था।
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