हिमाचल के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती मामला जयराम सरकार को ले डूबेगा। क्योंकि इसमें बहुत बड़ा विस्फोट होगा। पेपर लीक होने से प्रदेश के 74 हजार बच्चों के साथ उनके परिवार के सपने टूट गए हैं। सरकार मामले में दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
अग्निहोत्री ने शनिवार को उना में पत्रकारवार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें हटाने के स्वप्न देखते रहे, लेकिन वह पहले की तरह कांग्रेस विधायक दल के नेता पद पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि जयराम अपनी कुर्सी की परवाह करें। पुलिस भर्ती की लपटें उन्हें ले डूबेगी। उन्होंने सवाल किया कि इस मामले में हिमाचल पुलिस का कोई व्यक्ति है या सत्ता का सौदागर या फिर कोई मठाधीश, जिसने पेपर लीक करने को अंजाम दिया। इनको सरकार सामने लाए।
सत्ता के दलालों ने फेरा पानी
अग्निहोत्री ने कहा कि 74 हजार बच्चों के भविष्य का सवाल है। जो दो साल तक युवा कोचिंग लेते रहे। लेकिन सत्ता के दलालों ने उनके अरमानों का गला घोंट दिया। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार में नौकरियों में सौदेबाजी हो रही है। जो पेपर डालने और प्रिंट करवाने वाले थे, उन पर क्या एक्शन हुआ। इसे गोपनीय रखने का जिम्मा किस पर था? जिन्होंने 8-8 लाख में पेपर लीक किया, वो कौन लोग हैं। साथ ही इस मामले का मास्टरमाइंड कौन है। इसमें मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां बनती हैं, लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा रही।
एसआईटी पुरानी आदत
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी बना दी। जो सरकार की पुरानी आदत है। जिससे मामले को दफन कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि न तो पुलिस हेड क्वार्टर और न ही मुख्यमंत्री पुलिस भर्ती के पेपर को रद करना चाहते थे। इन्होंने दबाने का पूरा प्रयास किया।
अफसरों पर डाला दबाव
उन्होंने कहा कि इस मामले को सरकार ने दबाने की कोशिश की है। जिन अफसरों ने उक्त मामले का पता लगाया, उन अफसरों पर दबाव डाला गया। उन्होंने कहा कि अब सरकार एसआईटी से खुर्दबुर्द कराकर जल्द पेपर करवाने की फिराक में है।
अग्निहोत्री ने कहा कि पेपर लीक मामला कांगड़ा तक सीमित नहीं है। इसका दायरा बहुत बड़ा है। सरकार इस पर पर्दा न डाले। प्रेस से हर पहलू सांझा किया जाए। जिन्हें पुलिस भर्ती परीक्षा में ऐक्सट्रा ऑडनेरी नंबर मिले हैं, उन्हें सार्वजनिक किया जाए।
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