खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस साल निर्धारित लक्ष्य का 41% ही धान खरीदा है। धान खरीदारी के लिए सभी जिलों का लक्ष्य तय किया गया था। सभी जिलों में पैक्स के माध्यम से खरीदारी करना था। धीमी रफ्तार के कारण खरीदारी की अंतिम तिथि 15 से बढ़ाकर 31 मार्च भी कर दी गई, लेकिन 21 मार्च तक विभाग 50% लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाया है।
बता दें कि इस साल झारखंड के 24 जिलों में धान खरीदारी का लक्ष्य 36.30 लाख क्विंटल रखा गया था, लेकिन अब तक मात्र 14.90 लाख क्विंटल ही धान की खरीदारी हो सकी है। पूर्वी सिंहभूम और चतरा ही ऐसे जिले हैं, जहां लक्ष्य से ज्यादा खरीदारी की गई है। पूर्वी सिंहभूम में 5,00,517 क्विंटल धान खरीदा गया। वहीं, साहिबगंज और दुमका ऐसे जिले हैं, जहां खरीदारी शून्य रही। धान खरीदारी में चतरा, हजारीबाग और गिरिडीह का प्रदर्शन भी ठीक रहा।
राज्य में 2.29 लाख किसान रजिस्टर्ड, सबसे ज्यादा पूर्वी सिंहभूम में 21735
झारखंड में 2.29 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं। सरकार ने गढ़वा में 12380, चतरा में 10635, कोडरमा में 9143, गिरिडीह में 16453, देवघर में 8466, गाेड्डा में 14694, साहेबगंज में 1972, पाकुड़ में 5254, धनबाद में 6943, बोकारो में 5479, गुमला में 12106, सिमडेगा में 11296, प. सिंहभूम में 5443, सरायकेला-खरसावां में 4112, लोहरदगा में 4006, पूर्वी सिंहभूम में 21735, पलामू में 13381, लातेहार में 4217, हजारीबाग में 35678, रामगढ़ में 5663, दुमका में 4046, जामताड़ा में 4529, रांची में 6826 और खूंटी में 4733 किसानाें काे रजिस्टर्ड किया है।
पैक्स से गांवाें की दूरी और देर से पैसा मिलने के कारण किसान धान बेचने में नहीं लेते रुचि
गांव से पैक्साें की दूरी ज्यादा है। किसानों को पैक्स में धान ले जाने के लिए किराए पर वाहन लेना पड़ता है, जिससे उनका खर्च बढ़ जाता है। इन केंद्राें में धान बेचने पर किसानों को पैसे देर से मिलते हैं।
इसकी वजह से किसान पैक्स में धान बेचना नहीं चाहते हैं। बोकारो में पिछले साल तीन पैक्स में किसानों का पैसा फंस गया था। आपूर्ति विभाग की ओर से थाने में पैक्सों के खिलाफ एफआईआर की गई ताे कुछ किसानाें काे पैसा मिला। अब भी कई किसानाें काे पैसे नहीं मिले हैं।
फसल की पैदावार कम इसलिए खरीदारी पर असर
इस साल कई प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति हो गई थी। इसकी वजह से किसान धान बेच नहीं सके। किसानों के पास खाने से अधिक धान होने पर ही वे पैक्स को बेचते हैं, लेकिन बारिश कम होने की वजह से धान की फसल अच्छी नहीं हुई। इसलिए धान की खरीदारी में भी कमी आई है। -कुमारी गीतांजलि, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, बोकारो
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