पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा- झारखंड सरकार न चल रही है, न ही रेंग रही है, सिर्फ नींद में विभोर है। जो नींद में विभोर हो उससे संवेदना की उम्मीद बेकार है। राज्य में बालू-गिट्टी की कमी से विकास पीछे चला गया है। इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। 2020 से न बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हुई है, न पत्थर खदानों की नीलामी। सरकार के संरक्षण में अवैध बालू व गिट्टी का कारोबार हो रहा है। अब ईडी इसकी जांच पड़ताल कर रही है, तो दिखावे के लिए छापेमारी की जा रही है। रघुवर दास रविवार को भालूबासा किशोर संघ में पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ सुन रह थे। मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रघुवर ने कहा- ग्रामीण क्षेत्रों में जहां प्रतिदिन 1400-1500 आवास बन रहे थे, वहीं बालू-गिट्टी की कमी के कारण घटकर 500 से नीचे पहुंच गया है। निर्माण कार्य प्रभावित होने के कारण राज्य के लगभग 20 लाख मजदूर बेकार हो गए। बालू-गिट्टी सप्लाई करने वाले ट्रैक्टर व हाइवा वाहन सड़क पर धूल फांक रहे हैं। राज्य में पत्थर खदान की संख्या लगभग 400 है। विगत 30 मार्च को 60 प्रतिशत खदानों की लीज अवधि समाप्त हो गई। 241 पत्थर खदान से प्रतिदिन औसतन 32 हजार टन पत्थर का खनन होता था। लीज समाप्ति के बाद खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कालाबाजारी बढ़ने से चार गुणा अधिक दाम देकर बालू खरीदना पड़ रहा है।
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