झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की गई। स्वास्थ्य विभाग व पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने पटमदा में एसबीआई स्थित परिवार सेवा क्लीनिक (डॉ आई एन चौधरी) में लगभग 6 घंटे तक छापेमारी कर कई सनसनीखेज साक्ष्य बरामद किए। छापेमारी के दौरान क्लीनिक से 1.55 लाख रुपए नकद, गर्भपात, बेहोशी व अन्य प्रतिबंधित दवाओं की 50 पेटी बरामद की गई। साथ ही क्लीनिक को सील करते हुए डॉक्टर को गिरफ्तार कर िलया गया। बिना एमबीबीएस की डिग्री के डॉ चौधरी यह क्लीनिक पिछले दस सालों से चला रहा था। इस दौरान डॉ चौधरी ने छापामारी टीम को बताया कि क्लीनिक में आनेवाले मरीजों का इलाज जमशेदपुर के ज्योति आईवीएफ सेंटर व स्मृति सेवा सदन में किया जाता है।
मरीजों के रिकार्ड जांच करने पर पता चला कि पिछले छह महीने में साकची के ज्योति आईवीएफ सेंटर व डिमना के स्मृति सेवा सदन में 100 से अधिक गर्भपात कराया गया है। टीम में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर शनि बाड़ा ने दवाइयों की जब्ती सूची तैयार की। टीम का नेतृत्व कर रहे सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने कहा कि उपायुक्त के निर्देश पर टीम ने छापेमारी की। गैर कानूनी तरीके से क्लीनिक का संचालन करने वाले डॉ आईएन चौधरी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। डॉ चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
क्या कहते हैं आरोपी- जहां जवाब देने होगा दूंगा हमेशा मेरा ही नाम आता है
स्मृति सेवा सदन के डॉ. सुशील शर्मा से इस मामले में पूछने पर कहा कि उनका डाॅ. चौधरी से कोई रिश्ता नहीं है। फिर कुछ देर रुक कर कहा - आईएमए क्वालिफाई डॉक्टर हैं। मैं तय नियम के तहत 3 महीने तक का गर्भपात कर सकता हूं। जब कहीं कुछ मामला आता है मेरा नाम आता है। जहां जवाब देना होगा मैं जवाब दे दूंगा। वहीं ज्योति आईवीएफ सेंटर की प्रमुख ज्योति ने कहा कि यह फोन करने का कोई टाइम है। मंगलवार है मैं मंदिर में हूं। यह कहते हुए फोन काट दिया। इसके बाद फोन करने पर रिसीव नहीं किया।
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