दुधबिला फुटबॉल मैदान में संपन्न:हो समाज के रीति-रिवाज के तहत बोंगा-बुरू का किया गया शुभारंभ

चाईबासा7 महीने पहले
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तीन दिवसीय युवा महोत्सव सह जनजातीय खेल महोत्सव कार्यक्रम नोवामुंडी प्रखंड के दुधबिला फुटबॉल मैदान में संपन्न हो गया। ग्राम के दियुरी चुम्बरू चातोंबा तथा सहायक दियुरी भूषण चातोंबा द्वारा हो समाज की रीति-रिवाज के अनुसार बोंगा-बुरू का शुभारंभ किया गया। पारंपरिक रूप से दमा-दुमंग के सुर-ताल के साथ दियूरी द्वारा बोंगा कर ग्राम के देशाऊली सहित विभिन्न देवताओं एवं प्रकृति से जुड़ी मान्यताओं से आशीर्वाद एवं सहयोग मांगा गया। इसके साथ ही आदिवासी हो समाज युवा महासभा एवं आयोजन कमेटी की ओर से सिंहबोंगा के नाम पर सामूहिक (गोवारी) प्रार्थना की गई और कार्यक्रम में समाज की सुरक्षा एवं संरक्षण की मांग की गई।

प्रथम दिन के कार्यक्रम में हो भाषा में जूनियर टीम के लिए रेंणा-सेंणा (हो भाषा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता) कार्यक्रम किया गया। जिसमें 38 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में समाजहित में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ाजामदा की मेडिकल टीम मौजूद रहीं। प्रथम दिन के कार्यक्रम में समाज के अगुवा तथा सामाजिक, पारंपरिक, धार्मिक व रीति-रिवाजों के आधार पर संस्कृति मूल्यों की रक्षा करने वाले ग्राम के दियुरियों को किरीबुरू के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजीत कुमार कुजूर एवं गुआ के थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव द्वारा धोती-गमछा देकर सम्मानित किया गया।

कुजूर ने कहा- गांव के दियुरी पूजा पद्धति के नाम पर असामाजिकता को बढ़ावा न दें

युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए एसडीपीओ कुजूर ने कहा कि मैं भी आदिवासी समाज से हूं। आदिवासी हो समाज महासभा तथा युवा महासभा सामाजिक रूप से काफी सक्रिय है। समाज के बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में अभिभावक ध्यान लगाएं। शिक्षा के बिना समाज का विकास करना संभव नहीं है। विभाग की ओर से महासभा और युवा महासभा का सामाजिक उत्थान एवं विकास हेतु समर्थन है। कुजूर ने कहा कि गांव के दियुरी पूजा पद्धति के नाम पर असामाजिक गतिविधियों को न बढ़ावा दें, नहीं तो कानूनन कार्रवाई होगी।

कार्यक्रम को गुआ थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा एवं आयोजन कमेटी से शंकर चातोंबा, सुमित बालमुचू, राम बारजो, चंद्र मोहन चातोम्बा, मोरनसिंह केड़ाई, अनिल चातोम्बा,अमरजीत लागुरी, बुधराम चांम्पिया, बलराम लागुरी भीमसेन चातोम्बा, बुकुल सिंकु, विजय बांनरा, सोनाराम चातोम्बा, शंकर, सुशील पुरती, पुतकर लागुरी आदि मौजूद थे।